दमोह में फेमस क्या है? What is famous in Damoh
Answer : दमोह (Damoh) मध्य प्रदेश का एक मुख्य शहर है। यह जैन तीर्थ स्थल कुंडलपुर में बड़े बाबा मंदिर के लिए जाना जाता है। यह मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में से एक है। यह मध्य प्रदेश में पांचवां सबसे बड़ा शहरी समूह है। यह जागेश्वरनाथ महादेव मंदिर (बांदकपुर), सिंगरामपुर झरना, सिंगरगढ़ किला, नोहलेश्वर मंदिर, नोहटा, आदि के लिए भी जाना जाता है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। राष्ट्रीय राजमार्ग NH 34 यहाँ से गुज़रता है।
प्राचीन जटा शंकर मंदिर दमोह ( Jata shankar mandir damoh )
जटाशंकर मंदिर दमोह शहर का एक दर्शनीय स्थल है। जटाशंकर मंदिर दमोह-जबलपुर रोड पर स्थित है। यह दमोह में घूमने के लिए सबसे अच्छे धार्मिक स्थलों में से एक है। जटाशंकर मंदिर बहुत प्राचीन है। यहां मंदिर शिव शंकर जी को समार्पित है। यह मंदिर पहाडों से घिरा हुआ है। बरिश में यह का नजारा बहुत अदुभ्त होता है। मंदिर में अन्य देवी देवता की मूर्ति भी विराजमान है। मंदिर में भगवान की गणेश की बहुत उची प्रतिमा स्थित है। मंदिर सुबह से रात के 9 बजे तक खुल रहता है। आप मंदिर में दिन के समय कभी भी आ सकते है। मंदिर के पास अग्रेजों के समय का पुराना सार्किट हाउस बना हुआ है। यहां सार्किट हाउस पहाडी के उपर बना हुआ है। आपको यहां से आसपास बहुत ही मनमोहक दृश्य देखने मिलता है। जटाशंकर का प्रवेश द्वार बहुत ही भव्य है। जटाशंकर मंदिर सावन सोमवार और महाशिवरात्रि में बहुत भीड रहती है।
बड़ी देवी मंदिर ( Badi Devi Temple Damoh )
यह दमोह शहर का बहुत पुराना मंदिर है। इस मंदिर को बड़ी देवी मां के मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर करीब 300 साल पुराना है। यहां पर आपको दुर्गा जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर गणेश जी की प्रतिमा भी विद्यमान है। लोग अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए यहां पर नारियल को बंधते हैं। आपको यहां पर बहुत सारे नारियल बंधे हुए देखने के लिए मिल जाते हैं। यह दमोह की एक अच्छी जगह है और यहां पर आकर बहुत शांति मिलती है। बड़ी देवी मां का मंदिर दमोह के फुटेरा तालाब के पास है।
रानी दमयंती संग्रहालय ( Rani Damayanti Museum or Rani Damayanti Fort )
रानी दमयंती संग्रहालय दमोह शहर में स्थित एक प्राचीन स्मारक है। रानी दमयंती दमोह जिले के संस्थापक थी। रानी दमयंती का विवाह राजा नल हुआ था। रानी दमयंती संग्रहालय को रानी दमयंती के किले के नाम से भी जाना जाता है। यह किला मुख्य दमोह शहर में स्थित है। यहां पर आकर आपको पत्थर की मूर्तियां का संग्रह देखने मिलता है। महल के बाहर एक बहुत बड़ा गार्डन भी बना हुआ है।
सिंगौरगढ़ का किला (Singaurgarh Fort Damoh)
सिंगौरगढ़ का किला दमोह जिले के रानी दुर्गावती अभ्यारण के अंदर स्थित है। यहाँ किला ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। आपको इस किले तक पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ता है। यह किला अब खंडहर अवस्था में है। इस किले के बारे में कहा जाता है कि यहां पर रानी दुर्गावती अपने विवाह के पश्चात रहती थी और किले के नीचे स्थित तालाब पर रानी दुर्गावती स्नान किया करती थी और अपनी कुलदेवी को जल चढ़ाया करती थी। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। किले के चारों तरफ आपको जंगल का खूबसूरत दृश्य देखने के लिए मिलता है और यहां पर आपको कुछ प्राचीन प्रतिमाएं भी देखने के लिए मिलेगी।
बांदकपुर भोले नाथ मंदिर या जागेश्वर धाम Bandakpur Bhole Nath Temple or Jageshwar Dham Damoh
बांदकपुर का शिव मंदिर दमोह जिले का एक दर्शनीय स्थल है। यह दमोह जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह दमोह जिले में ही नहीं, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध है। इस मंदिर को जागेश्वर धाम के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर दमोह जिले के बांदकपुर कस्बे में स्थित है। जागेश्वर धाम भगवान शिव और पार्वती माता को समर्पित है। यह मंदिर बहुत खूबसूरत है। यह मंदिर बहुत प्राचीन है। इस मंदिर में महाशिवरात्रि के समय बहुत बड़ा मेला लगता है। लोगों का कहना है कि महाशिवरात्रि के समय यहां पर दो अलग जगह पर लगे झंडे आपस में मिलते है। बांदकपुर के शिव मंदिर के ऊपर लोगों की आस्था है। लोगों का मानना है, कि यहां पर जो भी लोग आते है, उनकी इच्छा जरूर पूरी होती है। मंदिर में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है । यह मंदिर एक ट्रस्ट द्वारा चलाया जाता है। मंदिर परिसर में गणेश जी की मूर्ति, दुर्गा जी की मूर्ति, श्री राम दरबार, राधे कृष्णा जी की मूर्ति, हनुमानजी की मूर्ति स्थापित है। मंदिर में आप आपने दो पहिया वाहन या चार पहिया वाहनों से आ सकते हैं। बांदकपुर में रेलवे स्टेशन भी बना हुआ है। अगर आप रेल से आना चाहते हैं, तो आ सकते हैं। आपको यहां पर आसानी से ऑटो मिल जाएगी।
कुण्डलपुर मंदिर – Kundalpur temple Damoh
कुंडलपुर दमोह जिले का एक जैन तीर्थ स्थल है। यहां पर आपको 63 जैन मंदिर देखने के लिए मिलेंगे, जो पहाड़ी पर बने हुए हैं। यह मंदिर बहुत प्राचीन है। कुंडलपुर में आपको रहने और खाने की व्यवस्था भी मिलती है। कुंडलपुर दमोह जिले से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप यहां पर दो पहिया या चार पहिया वाहन से आसानी से पा सकते हैं। पहाड़ी पर बने मंदिरों में जाने के लिए सीढ़ियां बनाई गई है। आपको इन मंदिर तक जाने के लिए पैदल सीढ़ियों से जाना पड़ेगा। कुंडलपुर में 65 मंदिर हैं। यह मंदिर पहाड़ियों पर स्थित है। आप परिक्रमा करके इन सभी मंदिरों को घूम सकते हैं। इन मंदिरों में बड़े बाबा का मंदिर सबसे प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां पर आपको एक अन्य मंदिर भी देखने के लिए मिलता हैजो तालाब के बीच में स्थित हैए जिसे जल मंदिर के नाम से जाना जाता है।
भदभदा जलप्रपात – Bhadbhada Waterfall damoh
भदभदा जलप्रपात दमोह जिले का एक दर्शनीय स्थल है। यह दमोह जिले के हटा तहसील में स्थित है। यह जलप्रपात सुनार नदी पर बना हुआ है। यहां पर आप नहाने का मजा भी ले सकते हैं। जब जलप्रपात का पानी चट्टानों से नीचे गिरता है, तो धुआ निकलता है, जो बहुत ही मनोरम लगता है। यह जबलपुर के धुआंधार जलप्रपात के समान दिखाई देता है। आप यहाँ फैमिली के साथ पिकनिक मनाने के लिए आ सकते हैं। आप यहां पर बरसात के समय आ सकते हैं। बरसात के समय यहां पर पानी की बहुत अधिक मात्रा रहती है। गर्मी में भी यहां पानी रहता हैए जिसमें आप काफी इंजॉय कर सकते हैं। यह झरना दमोह जिले से करीब 45 किलोमीटर दूर होगा।
बेलाताल – Belatal Damoh
बेलाताल दमोह जिले की एक अच्छी जगह है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर तालाब के बीच में टापू मंदिर है जहां हनुमान जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर बहुत सुंदर हैं। बेलाताल जबलपुर दमोह हाईवे रोड पर स्थित है। आप यहां पर कभी भी आकर घूम सकते हैं। यहां पर एक साईं मंदिर भी बना हुआ है। जहां पर आप घूम सकते हैं।