दमोह के इस गांव में घोड़ी पर चढ़ा दलित दूल्हा, दबंगों के खौफ से पुलिस की मौजूदगी में पूरी हुई रछवाई की रस्म।

Damoh Today News : बुन्देलखण्ड में आज़ादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी दलितों को शादी विवाह में घोड़ी पर बैठकर बारात निकालने पर पाबंदी है और ये पाबंदी भी ग्रामीण क्षेत्रों के दबंगों ने लगा रखी है लेकिन कहते है ना आज का युवा पढ़ा लिखा है, तो सवाल भी करेगा।
ऐसा ही मामला दमोह ज़िले के हटा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले बिजौरी पाठक गांव का यहां एक दलित दूल्हे को रछवाई प्रक्रिया पूरी कराने के लिए पुलिस की मदद लेनी पड़ी। दूल्हे के परिजनों को आशंका थी कि गांव के कुछ लोगों को यह बात रास नहीं आएगी और विवाद की स्थिति बन सकती है।
यही वजह है कि पुलिस की मौजूदगी में दूल्हा घोड़ी पर चढ़ा और रछवाई की रस्म पूरी हुई। दरअसल दूल्हे भूपेंद्र के पिता नन्नाई अहिरवार ने अपने पुत्र के विवाह के पहले 21 मई थाना हटा में एक आवेदन दिया था। इसमें बताया था कि देवी देवता पूजन के लिए बेटे की रछवाई निकलना है,, लेकिन गांव के ही कुछ दबंग इसमें व्यवधान डाल सकते हैं।
हटा पुलिस से गुहार लगाने के बाद हटा पुलिस थाना से उपनिरीक्षक सौरभ शर्मा, पुलिस बल के साथ निर्धारित समय पूर्व बिजौरी ग्राम पहुंच गए और गांव वालों से चर्चा कर सद्भाव की भावना कायम की। इसी दौरान भीम आर्मी और अनुसूचित जाति मोर्चा संगठन के पदधिकारी भी बड़ी संख्या में गांव पहुंच गए थे। निर्धारित समय पर दूल्हा भूपेंद्र अहिरवार घोड़ी पर सवार होकर ग्राम भ्रमण पर निकला और रछवाई। की रस्म पूरी की।