फूलों की खेती से चमक रही दमोह के किसानों की किस्मत, कमा रहे लाखों

दमोह: जब भी फूलों का जिक्र होता है तो उसकी खुशबू और खूबसूरती सभी का ध्यान आकर्षित करने लगती है. लेकिन जब इन्हीं फूलों की बगिया की कमाई से जेब भरने लग जाए तो चेहरे पर न सिर्फ मुस्कान आ जाती है, बल्कि चिंता के बादल भी दूर हो जाते हैं. ऐसी ही तस्वीर देखने को मिली दमोह के लखरोनी गांव में. यहां के युवा किसान मुकेश पटेल ने अपने बागवानी के शौक को ही आय का मुख्य जरिया बना लिया.

मुकेश परंपरागत खेती करने वाले किसानों के लिए अब प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं। उन्होंने अपने घर के आंगन से शुरू की रंगीन फूलों की खेती में नई उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से घर की बगिया से लेकर खेतों को भी फूलों से सजाया है। वर्तमान में गुलाब, गेंदा, नौरंगा और डेजी सहित कई प्रकार के फूलों की खुशबू पूरे इलाके को महका रही है।

किसान मुकेश पटेल ने बताया कि फूलों की खेती परंपरागत खेती से बेहतर विकल्प है। हालांकि इसकी खेती में मेहनत तो जरूर है, लेकिन मुनाफा भी ज्यादा है। जहाँ गेहूं, चना, मसूर में औसतन सालाना 35000 की कमाई होती है, वहीं फूलों की खेती में करीब 70 से 80 हजार बच जाते हैं। अगर यहां मार्केट अच्छा मिल जाए तो अच्छी पैदावार का सीधा लाभ किसानों को मिल सकेगा।

कई शहरों में जाते हैं फूल:

वहीं उद्यान के उप संचालक एसके सिंह का कहना है कि जिले में करीब 140 हेक्टेयर में गेंदा, 65 हेक्टेयर में गुलाब और 50 हेक्टेयर जमीन में अलग अलग किस्मों के फूलों की खेती की जाती है. साथ ही इन फूलों को भोपाल, जबलपुर और नागपुर भी भेजा जाता है. जिससे परंपरागत खेती की तुलना में फूलों की खेती से किसानों की अच्छी आमदनी हो जाती है.

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