प्राइवेट स्कूलों की फीस भुगतान तथा इन के शिक्षकों आदि का वेतन भुगतान के संबंध में निर्देश जारी किए गए, जाने कब कर सकते फीस जमा
दमोह (ऋषभ विश्वकर्मा) । वर्तमान लॉकडाउन के परिप्रेक्ष्य को देखते हुए गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों की फीस भुगतान तथा इन विद्यालयों के शिक्षकों आदि के वेतन भुगतान के संबंध में राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा निर्देश जारी किये गये है।
यह निर्देश प्रदेश के समस्त सीबीएसई, आईसीएसई, मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल तथा अन्य समस्त बोर्ड से संबद्ध गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों पर समान रूप से लागू होंगे। अशासकीय विद्यालयों द्वारा उक्त निर्देशों का पालन न करने की स्थिति में ऐसे विद्यालयों के विरूद्ध उन पर लागू मान्यता नियमों के तहत कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी।
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Photo : Shri Guru Nanak Sr. Sec. School Damoh |
जारी निर्देशों में ऐसे पालकगण जो परिस्थितिवश विगत शैक्षणिक सत्र 2019-20 की बकाया शुल्क जमा नहीं कर पाये हैं, वे उक्त शुल्क 30 जून 2020 तक जमा कर सकेंगे। इस हेतु उन पर कोई बिलम्ब शुल्क प्रभारित नहीं किया जायेगा। वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिये आगामी आदेश तक अशासकीय विद्यालयों द्वारा कोई शुल्क वृद्धि नहीं की जा सकेगी, इसके अलावा पालकों को फीस की एक मुश्त अदायगी हेतु बाध्य नहीं किया जायेगा।
निजी विद्यालयों द्वारा पालकों की सुविधानुसार मासिक रूप से अथवा न्यूनतम चार किश्तों में फीस ली जा सकेगी। फीस जमा न किये जाने के कारण किसी छात्र-छात्रा का नाम विद्यालय से नहीं काटा जायेगा।
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वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत अभिभावकों की आर्थिक कठिनाइयों के कारण यदि उनके द्वारा आपदा अवधि में शुल्क को स्थगित किये जाने का अनुरोध किया जाता है तो निजी विद्यालय इस पर सकारात्मक रूप से विचार करेंगे एवं फीस स्थगित किये जाने की स्थिति में उक्त शुल्क को आगामी माहों में किश्तों के आधार पर समायोजित किया जा सकेगा।
जिन अशासकीय विद्यालयों द्वारा वर्तमान में ऑन लाईन अध्यापन गतिविधियां प्रारंभ की गई है अथवा यदि वे ऐसी गतिविधियां प्रारंभ करना चाहें तो वे ऐसेी गतिविधियां जारी रख सकेंगे, प्रारंभ कर सकेंगे, तथापि इस हेतु कोई अतिरिक्त फीस प्रभारित नहीं की जायेगी। विद्यालय में कार्यरत शैक्षणिक तथा गैर शैक्षणिक स्टाफ को नियमित रूप से वेतन का भुगतान किया जायेगा। किसी भी स्थिति में संबंधित बोर्ड की पुस्तकों के अतिरिक्त किसी अन्य पुस्तकों के क्रय हेतु अभिभावकों, पालकों को बाध्य नहीं किया जायेगा।
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