प्रभु चरणों में ही उद्धार हो सकता है : आर्यिका रत्न ऋजुमति माताजी
दमोह। हिमांशु रैकवार, प्रभु चरणों में ही उद्धार हो सकता है प्रभु चरणों में ही अपने मिथ्या धारणाओं का उपशमन कर मनुष्य मुक्ति का मार्ग पा सकता है मनुष्य भले बने बिना बड़ा नहीं बन सकता कष्टों को सहन करके ही भलापना आता है आज मनुष्य बड़ा तो बनना चाहता है किंतु भला नहीं बनना चाहता आज जीवन की मर्यादा टूट रही हैं इसीलिए जीवन की व्यवस्थाएं गड़बड़ हो रही है आज व्यक्ति का खानपान रहन सहन सब बिगड़ गया है इसलिए स्वास्थ्य गड़बड़ हो रहा है जीवन शैली बिगड़ गई है। उपरोक्त उदगार आर्यिका रत्न ऋजु मति माताजी ने विजयनगर में चल रहे सिद्धचक्र महामंडल विधान में अपने मंगल प्रवचनओं में अभिव्यक्त किए।
इस अवसर पर कांग्रेस के प्रत्याशी अजय टंडन ने विजयनगर पहुंच कर विधान में आर्यिका जी को श्रीफल अर्पित कर आशीर्वाद ग्रहण किया। आर्यिका जी ने उनसे शाकाहार अपनाने का आव्हान किया जिसे उन्होंने सहज स्वीकार करते हुए सात्विक जीवन शैली अपनाने हेतु अपना अभिमत प्रकट किया। आयोजन समिति की ओर से अध्यक्ष दिलीप बाहुबली एवं अतुल भाटिया एवं दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष सुधीर सिंघई ने उनका ज्ञान तिलक लगाकर स्वागत व सम्मान किया।
कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन के साथ पार्षद राशू चैहान एवं सोनू नेता का भी स्वागत किया गया। इस अवसर पर डॉक्टर आईसी जैन, संतोष भारती, जयकुमार, सुनील वेजिटेरियन, तरुण सराफ, पंडित अखिलेश जैन, राकेश पलंदी, संजय सराफ, गुड्डू भैया आदि की उपस्थिति रहीं। पूज्य आर्यिका श्री ने अपने मंगल प्रवचनों में आगे कहा कि आज मनुष्य में विवेक का अभाव होता जा रहा है आधुनिकता की होड़ में वह अपने मौलिकता को भूलता जा रहा है पहले व्यक्ति भजन पूजन आदि क्रियाएं खड़े-खड़े नृत्य के साथ करते थे और भोजन बैठकर करते थे किंतु आज खड़े होकर भोजन करते हैं और प्रभु की भक्ति बैठकर करते हैं इसीलिए आजकल इतने बीमार हो रहे हैं नाचने गाने से मनुष्य की कसरत अपने आप होती थी और मनुष्य स्वस्थ रहता था।