आधी सैलरी के साथ अब पांच साल तक ले सकेंगे छुट्टी, मध्य प्रदेश सरकार ला रही है, अनोखी Furlough Scheme?
भोपाल। Furlough Scheme in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) अपना खर्च बचाने के लिए एक अनोखी नई स्कीम (New Scheme) लेकर आई है। इसके तहत यहां पर गैरजरूरी विभागों के कर्मचारी अब पांच साल तक के लिए छुट्टी ले सकते हैं। एक अधिकारी के दावे के मुताबिक इस दौरान उन्हें आधी सैलरी मिलती रहेगी। गौरतलब है कि “फर्लो” (Furlough) नाम से जानी जाने वाली यह योजना ब्रिटेन और अमेरिका जैसे कई देशों में आजमाई जा चुकी है।
मध्य प्रदेश के वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक प्रदेश में भी फर्लो स्क्रीम (Furlough scheme) का एक प्रस्ताव तैयार किया गया है। इससे कर्ज और आय में कमी से जूझ रहे प्रदेश को राहत मिलेगी। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) फिलहाल 2.53 लाख करोड़ के कर्ज में डूबा हुआ है और वहीं कोविड के चलते रेवेन्यू में भी 30 फीसदी की कमी आई है।
प्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि यह योजना सरकार द्वारा खर्च बचाने के लिए बनाई गई है ताकि आम लोगों का जीवनस्तर को सुधारा जा सके। उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं लॉकडाउन के चलते राज्य सरकार के रेवेन्यू पर बड़ा असर पड़ा है। इसलिए हम लोग तमाम तरह के उपाय करके रेवेन्यु बढ़ाने की कवायद में लगे हैं। इसी कड़ी में हम खर्च में भी कटौती कर रहे हैं।
यह स्कीम भी उसी प्लान का हिस्सा है।” वित्त विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक गैरजरूरी विभागों में काम कर रहे कर्मचारी और अधिकारी तीन से पांच साल तक का अवकाश ले सकते हैं। इस दौरान सरकार उन्हें आधी सैलरी देती रहेगी। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस दौरान कर्मचारी चाहें तो प्राइवेट नौकरी या व्यापार कर सकते हैं। हालांकि इस अवकाश के दौरान उन्हें किसी तरह का अतिरिक्त भत्ता या फिर इंक्रीमेंट नहीं मिलेगा, लेकिन इससे उनकी सर्विस ब्रेक नहीं होगी।
एक अन्य अधिकारी का कहना है कि प्रस्ताव तैयार करने से पूर्व एक आंतरिक सर्वे किया गया है। इसमें एक लाख से कम सैलरी वाले कर्मचारियों ने स्कीम को लेकर खुशी जताई। इसमें भी वो लोग, जिनकी उम्र 50 साल से ऊपर है और कुछ ही दिन की नौकरी बची है, वह ज्यादा खुश हैं।
वित्त विभाग का अनुमान है कि इस स्कीम के साथ करीब 6 हजार करोड़ रुपए की सालाना बचत होगी। वहीं कुछ लोगों ने चिंता जताई है कि बड़ी संख्या में कर्मचारियों के छुट्टी पर चले जाने से काम पर असर पड़ सकता है। वित्त विभाग का कहना है कि ऐसी स्थिति आने पर विभाग आउटसोर्सिंग भी करेगा।
हालांकि इस स्क्रीम का लाभ सभी को नहीं मिल सकेगा। अधिकारी के मुताबिक जिन कर्मचारियों पर विभागीय जांच चल रही है, या जिन्हें सस्पेंड किया गया है, वह इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगे। वहीं गृह, स्वास्थ्य, शिक्षा और रेवेन्यु विभाग के कर्मचारी या अधिकारी भी इस योजना से वंचित रहेंगे।
फर्लो (Furlough) नाम से जानी जाने वाली यह योजना ब्रिटेन और अमेरिका जैसे कई देशों में लागू की जा चुकी है। इस दौरान वहां कर्मचारी 70 फीसदी वेतन के साथ तीन साल तक छुट्टी पर रह सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, इस दौरान कर्मचारी चाहें तो अन्य जगह काम भी कर सकते हैं और अपना खुद का बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं। तीन साल के बाद उनके पास दो विकल्प होते हैं।
वह चाहें तो (VRS) वीआरएस ले सकते हैं या फिर अपने काम पर वापस लौट सकते हैं। आपको बता दें कि इससे पहले सन 2002 में दिग्विजय सिंह सरकार भी ऐसी योजना लागू कर चुकी है। अगली साल सत्ता में आने के बाद तब की भाजपा सरकार (BJP Government) ने इस योजना को बंद कर दिया था।