दमोह। दमोह शहर में घटिया सड़कों के निर्माण पर जिला न्यायाधीश द्वारा लोकोपयोगी याचिका पर संज्ञान लेते हुए सीएमओ नगरपालिका व अन्य अधिकारियों को न्यायालय में तलब किया है। दरासल शहर में कुछ सालों पहले बनाई गई डामर की पक्की सड़कों पर फिर डामरीकरण किया जा रहा है।
यह कार्य हाल ही के पांच छह दिन पहले ही शुरू हुआ, हैं लेकिन जहां पर भी सड़कों का डामरीकरण हुआ उस क्षेत्र के लोगों ने घटिया निर्माण कार्य होने के आरोप लगाए, जिसमें करोड़ों रुपए की राशि खर्च की जा रही है, लोगों ने आरोप लगाया है कि नगर पालिका प्रशासन सरकारी राशि को अपनी मनमर्ज़ी से खर्चे कर रहा है, जबकि नगर पालिका का राजस्व लोगों के वसूल गए टैक्स से जमा होता है।
याचिका कर्ता अधिवक्ता मुकेश पांडे का कहना है कि वर्तमान में दमोह शहर के अंदर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सड़कों का निर्माण हो रहा है। निर्माण एजेंसी द्वारा रोड बनाने में गंभीर लापरवाही बरती जा रही है। शहर के अंदर मुख्य मार्गों की चौड़ाई कम की जा रही है, सड़क के दोनों ओर तीन फीट छोड़कर रोड का निर्माण किया गया है। मटेरियल की गुणवत्ता ठीक नहीं है। शहर के तीन गुल्ली से सागर रोड की ओर, पलंदी चौराहा से अस्पताल चौराहा, बैंक चौराहा से अस्पताल चौराहा की सड़कों पर मात्र लेयर डालकर काम किया गया है।
जिस पर जिला न्यायाधीश द्वारा लोकोपयोगी याचिका पर संज्ञान लेते. हुए सीएमओ नगरपालिका व अन्य अधिकारियों को न्यायालय में तलब किया है। याचिकाकर्ता मुकेश पाण्डेय अधिवक्ता ने बताया कि शहर के अंदर करोड़ों रुपए की लागत से प्रमुख मार्गों का निर्माण के लिए होने किया जा रहा है, उक्त निर्माण को बिना अतिक्रमण हटाए, बिना किसी तकनीकी के किया जा रहा।
मार्गों के दोनों तरफ चौड़ाई कम करने से आम जनमानस को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है जिसको लेकर न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की गई है। जिला न्यायाधीश द्वारा सीएमओ नगरपालिका प्रबंधक, एमपीआरडीसी, लोक निर्माण विभाग व कलेक्टर दमोह को तलब कर जवाब मांगा है।