दमोह में 300 फीट ऊंचे पहाड़ पर बैठ कर भरे जा रहे लाड़ली बहना योजना के फॉर्म नहीं मिल रहा नेटवर्क

Damoh Today News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) की चुनाव से पहले आई लाडली बहना योजना (Ladli Behna Yojana) योजना काफी पॉपुलर हो रही है. महिलाएं भारी संख्या में इसके लिए आवेदन कर रही है. लेकिन, कुछ स्थानो पर सीएम शिवराज की बहनों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है, दरासल मोबाइल नेटवर्क (Mobile network) नहीं होने पर फार्म भरने के लिए कर्मचारियों और अधिकारियों को पहाड़ पर चढ़ना पड़ रहा है।

दमोह जिले (Damoh district) की हटा तहसील (hata tehsil) के मडियादो (madiado) के समीप की ग्राम पंचायत चौरईया में नेटवर्क ना मिलने के कारण लोगों को इंटरनेट संबंधी कार्यों के लिए परेशान होना पड़ता है। वर्तमान में शासन की सबसे महत्वपूर्ण मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना के अंतर्गत भरे जा रहे आवेदनों के लिए कलकुआं गांव की महिलाओं को गांव से 8 किलोमीटर दूर चौरईया के जंगल की 300 फीट ऊंची घाटी पर जाना पड़ रहा है। रोजगार सहायक राकेश यादव के अनुसार कलकुआं गांव में कमजोर नेटवर्क के कारण वैरिफिकेशन ओटीपी नहीं आती है। इसलिए महिलाओं को सामूहिक रूप से ऊंचाई वाले स्थान पर बुलाकर फॉर्म भरते हैं।

पंचायत भवन की छत पर करना पड़ता है काम:

इसी तरह चौरईया में भी नाम मात्र के लिए सिग्नल आता है, लेकिन इंटरनेट नहीं चलता है। जिस कारण से लाड़ली बहना योजना के फॉर्म भरने के बाद ग्राम पंचायत भवन की छत पर काम करते हैं। क्योंकि उचाई पर जाने से गांव में इंटरनेट चलता है। कभी-कभी चौरईया गांव और पाटन गंव के लोगों को भी कलकुआं के ऊपर वाली 300 फीट ऊंचे पहाड़ पर ले जाना पड़ता है।

घने जंगल और पहाड़ों के बीच बसे हैं गांव :

आपको बता दें कि ग्राम चौरईया घने जंगलों और ऊंचे पहाड़ी के बीच तलहटी में बसी पंचायत है। जिसके अंतर्गत 3 गांव आते हैं जो एक दूसरे से 10 किलोमीटर की दूरी पर बसे हैं। आसपास के जंगल और क्षेत्र छतरपुर जिले का है। कलकुआं, पाटन, चौरईया गांव में एक भी नेटवर्क टावर नहीं है। ग्रमीणों के छतरपुर जिले के अन्य ग्रामों में लगे टावर से कभी कभार ही सिग्नल मिल पाते हैं। जिससे मुश्किल से बात हो पाती है। मडियादो निवासी सुधीर मिश्रा का कहना है कि इस क्षेत्र की अनेक पंचायतों में इस प्रकार की समस्या आती है जिससे शासन की योजनाओं का लाभ मिलने में भी ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नेटवर्क समस्या के संबंध में दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने कहा कि नेटवर्क की समस्या तो आ रही है इसके समाधान के लिए प्रयास किया जा रहा है।

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