BSP MLA रामबाई के पति की गिरफ्तारी पर पुलिस ने 30 से बढ़ाकर 50 हजार रुपये का इनाम किया घोषित
दमोह। हटा के बहुचर्चित देवेंद चौरसिया हत्याकांड के मुख्य आरोपी गोविंद सिंह परिहार की गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है, इससे पहले यह ईनामी राशि 30 हज़ार रुपए थी।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की सुनवाई पिछले शुक्रवार को की थी, जिसमे अदालत कहा था कि इस मामले के सबूत बताते हैं कि 15 मार्च 2019 को FIR दर्ज होने के बावजूद भी जांच अधिकारियों ने उसकी गिरफ्तारी के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं। प्राथमिकी में चौरसिया के बेटे सोमेश ने आरोप लगाया था कि गोविंद सिंह उनके पिता की हत्या में लिप्त हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले को गंभीरता से लेने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस गोविंद सिंह को पकड़ने के प्रयास तेज कर दिये हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि गोविंद सिंह पर इनाम घोषित करने के साथ ही विशेष कार्य बल (STF) के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विपिन माहेश्वर भी उसकी गिरफ्तारी के प्रयासों के क्रम में पिछले दो दिनों से दमोह में डेरा डाले हुए हैं।
वहीं इस मामले को लेकर पुलिस ने देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड की सुनवाई कर रहे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ASJ) की सुरक्षा एहतियात के तौर पर बढ़ा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह बीएसपी विधायक के पति को गिरफ्तार करने में पुलिस के असफल रहने पर गंभीर टिप्पणी की थी और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को आरोपी को तत्काल गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था।
आपको बता दें राम बाई सिंह परिहार पिछली कांग्रेस सरकार से लेकर अब तक की भाजपा सरकार तक सत्ता के आस-पास ही रहीं हैं। ऐसे में उन्होंने चौरसिया परिवार के लगाए गए आरोपों को हर बार नजरंदाज किया हैं। रामबाई ने कई बार दूसरी जांच एजेंसियों से भी मामले की जांच कराने की बात कहीं थी।
चौरसिया हत्याकांड में राम बाई के देवर चंदू सिंह सहित कुल 28 लोग आरोपी हैं। वहीं दिवंगत नेता देवेंद्र चौरसिया ने पहले ही अपनी जान को खतरा बताया था। लेकिन तत्कालीन कमलनाथ की सरकार ने उनकी कोई मदद नहीं की। हालांकि पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया परिवार के सर्मथन में खुलकर सामने आए और उन्हें न्याय दिलाने का वादा भी किया था।.