पार्टी कार्यवाई पर जयंत मलैया का बड़ा बयान कहा ‘भोपाल से लेकर दिल्ली तक करूंगा बात’
दमोह। उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली करारी हार के बाद से सियायसी घमासान मचा हुआ है। खास कर की बीजेपी के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया को दिए नोटिस और उनके सुपुत्र सिद्धार्थ मलैया और 5 मंडल अध्यक्षों पर पार्टी से निष्कासित की हुई कार्रवाई के बाद भाजपा में दो फाड़ हो चुके है। शहर में समर्थकों और सहयोगियों के द्वारा उन पर हुई कार्यवाई का खुलकर विरोध किया जा रहा है। इसी बीच उन पर हुई अनुशासनात्मक कार्रवाई पर मलैया का बयान सामने आया मलैया ने कहा उपचुनाव में इतनी बड़ी हार का ज़िम्मेदार मैं अकेला कैसे हो सकता हूं।
मलैया ने कहा वे जल्द ही पार्टी द्वारा भेजे नोटिस का जवाब देंगे। दमोह विधानसभा क्षेत्र में ही केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल, राहुल सिंह लोधी का परिवार और पार्टी के दूसरे नेता भी रहते है उनके वार्डों में पार्टी के कैसी हारी। यहां तक की जिला पंचायत अध्यक्ष और नगरपालिका अध्यक्ष के वार्ड भी नही बच पाए। उन्होंगे कहा की हर बूथ पर हार की बात हो उनके बूथ पर कैसे हारी भाजपा।
हार का ठीकरा किसी पर तो फोड़ना था
मलैया ने कहा कि हार का ठीकरा मुझ पर इसलिए फोड़ा गया है, क्योंकि मेरी केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल से बनती नहीं है। आख़िर हार का ठीकरा किसी पर तो फोड़ना था, तो मुझ पर और मेरे बेटे पर फोड़ दिया। सब अपनी नाकामी उनके बेटे सिद्धार्थ और उन पर थोपना चाहते है। उन्होने कहा हार की जिम्मेदारी शिवराज जी तो लेंगे नहीं।
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दिल्ली जाएंगे मलैया
मलैया ने कहा की उन पर की कार्यवाई पर वे 2-3 दिन में ही नोटिस का जवाब देते हुए भोपाल के पार्टी पदाधिकारयों से इस सम्बंध में बात करेंगे उन्होने कहा वे पूरी जानकारी दिल्ली में संगठन महामंत्री को बताएंगे मेरी दिल्ली बात हो गई है। और कुछ ऐसी बातें हैं, जो दिल्ली में ही बताना पड़ेंगी।
मलैया के पक्ष में आए अजय टंडन
दमोह उपचुनाव में जीते कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन ने पत्रकारों से बात करते हुए दमोह में हुई भाजपा की हार को जनता का गुस्सा बताया ओर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा की दमोह में मिली करारी हार को बीजेपी पचा नहीं पा रही है इसलिए अपनी हार की जिम्मेदारी खुद के ही पार्टी के लोगो पर थोप रही है। टंडन ने जयंत मलैया के पक्ष में अपनी बात रखते हुए कहा की कल तक वे पोलिंग के पहले 17 अप्रैल तक वही जयंत मलैया और सिद्धार्थ समेत सभी मंडल अध्यक्ष भाजपा के लिय मिल कर काम कर रहे थे। और अब वे चुनाव परिणाम के बाद उन्ही लोगो पर हार का ठीकरा फोड़ रहे है। उन्होने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा की यही भाजपा की कथनी और करनी में फर्क हैं।
मलैया की नाराज़गी की वजह
मलैया की पार्टी से नाराज़गी किसी से छिपी नहीं है एक तो 2018 में मिली शिकस्त की खुन्नस ऊपर से स्वयं और पुत्र को टिकट न मिलने पर पार्टी के विरूद्ध अपना वर्चस्व दिखाने के लिया किया गए सभी कर्मकाण्ड का विफल प्रायस। मलैया ने स्वयं को ही भाजपा और स्वयं को ही दमोह का अधिपति मानने की भूल की अब कार्यवाई तो होनी हीं थी और प्रदेश में भाजपा को अपनी संगठनात्मक शक्ति का परिचय भी देना था, ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने साफ शब्दों में ऐसा कर पार्टी के खिलाफ़ भीतर घट करने वाला को साफ शब्दों में संदेश दिया है।
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