सीएम शिवराज ने मंत्रियों को सौंपे जिलों के प्रभार, जानिए किस मंत्री को मिली कौन से जिले की जिम्मेदारी?
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को अपने मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंप दिया। सीएम के रूप में चौथे कार्यकाल के 15 महीने बीतने के बाद शिवराज ने जिलों के बंटवारे में संतुलन साधने की हरसंभव कोशिश की। अधिकारियों के ट्रांसफर के लिए प्रभारी मंत्री की अनुशंसा अनिवार्य होने के चलते मुख्यमंत्री ने जिलों के बंटवारे के जरिये अपने ऊपर से दबाव कम करने का खास ध्यान रखा। दरासल प्रदेश में 1 जुलाई से ट्रांसफर से बैन हट रहा है। यह 31 जुलाई तक जारी रहेगा। इस दौरान सरकारी अधिकारियों के ट्रांसफर हो सकेंगे।
इस सूची में नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया का खास ख्याल रखा गया है। सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट को ग्वालियर और हरदा जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को इंदौर की कमान थमाई गई है। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव को जबलपुर और निवाड़ी का प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा सीएम शिवराज के करीबी नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह को भोपाल की कमान दी गई है।
इन मंत्रियों को सौंपा गया प्रभार:
वन मंत्री विजय शाह सतना और नरसिंहपुर जिले के प्रभारी होंगे। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा उज्जैन और कटनी जिले के, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह मंडला और रीवा जिले के, खेल मंत्री यशोधराराजे सिंधिया देवास और आगरमालवा जिलों की तथा सुश्री मीना सिंह सीधी और अनूपपुर जिलों की प्रभारी होंगी।
किसान कल्याण एवं कृषि मंत्री कमल पटेल खरगोन और छिंदवाड़ा जिले के, राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भिंड और दमोह जिले के, श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह होशंगाबाद और सिंगरौली जिले के तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग टीकमगढ़ और विदिशा जिले के प्रभारी होंगे।
मध्यप्रदेश की नई तबादला नीति एक जुलाई से लागू होगी। इसमें पहले अनुसूचित क्षेत्रों के रिक्त पदों को भरा जाएगा। वहीं, कोरोना से गंभीर रूप से बीमार लोगों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। तहसील, जिला व राज्य स्तर पर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादले प्रभारी मंत्री व कलेक्टर आपसी समन्वय से करेंगे। मप्र के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी नई ट्रांसफर पॉलिसी में 31 जुलाई तक तबादले हो सकेंगे। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया था कि 1 से 31 मई बीच तबादले हो सकेंगे, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण नीति को लंबित कर दिया गया था।