मलैया परिवार समेत मंडल अध्यक्षों पर कार्रवाई के बाद WhatsApp पर तेज़ी से वायरल हो रहा ये मैसेज
डिजिटल डेस्क। दमोह उपचुनाव में बीजेपी के करारी हार के बाद भारतीय जनता पार्टी ने कल बड़ा एक्शन लिया जिसके बाद से ही चर्चाओं का बाजार गरम है। दरअसल भारतीय जनता पार्टी के द्वारा कल शाम को वरिष्ट भाजपा नेता जयंत मलैया और उनके पुत्र सिध्दार्थ मलैया समेत मंडल अध्यक्षों पर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बड़ी कार्यवाई की। दमोह उपचुनाव में पार्टी में ही रह कर पार्टी के विरुद्ध गतिविधियों में लिप्त तथा पार्टी के छवि खराब करने के आरोप में प्रदेश भाजपा ने कुल 5 लोगों पर कार्यवाई की।
जैसे ही बीजेपी द्वारा कार्रवाई का नोटिस जारी हुआ सोशल मिडिया पर पार्टी आदेश का कही स्वागत किया गया तो कही इसकी निंदा की गई। इसी बीच आज सुबह से एक व्हाट्सएप पर एक मैसेज जम कर फॉरवर्ड और शेयर किया जा रहा जिसमें प्रदेश भाजपा के द्वारा लिय एक्शन पर दमोह भाजपा समर्थकों और कार्यकर्ताओ ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस मैसेज कहा जा रहा की “भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व ने दमोह के पूर्व विधायक श्री जयंत मलैया, उनके बेटे श्री सिद्धार्थ मलैया और मंडल अध्यक्षों के खिलाफ जो निर्णय लिया है, वह स्वागत के योग्य कदम है।”
Viral WhatsApp Message by Damoh Today on Scribd
क्या है व्हाट्सऐप पर वायरल यह पूरा मेसेज?
- भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व ने दमोह के पूर्व विधायक श्री जयंत मलैया, उनके बेटे श्री सिद्धार्थ मलैया और मंडल अध्यक्षों के खिलाफ जो निर्णय लिया है, वह स्वागत के योग्य कदम है
- हम देख रहे हैं कि पिछले कुछ वर्षों से मलैया और उनकी जैसी प्रवृत्ति के लोग भारतीय जनता पार्टी को अपने जेब की पार्टी बनाना चाहते हैं।
- ऐसे लोगों को यह भ्रम हो गया है कि वे ही भारतीय जनता पार्टी हैं। अगर जयंत मलैया की बात करें तो यह भारतीय जनता पार्टी की कृपा थी कि उन्हें सात बार विधायक बनाया।
- उमा जी की कैबिनेट से लेकर बाबूलाल गौर और शिवराज जी ने उन्हें अपनी कैबिनेट में लेकर भरपूर सम्मान लिया।
- लेकिन दुर्भाग्य से श्री जयंत मलैया और ऐसे ही कुछ लोग अपना और अपने परिवार का विकास करने में जुटे रहे, इन्होंने किसी नए कार्यकर्ता को पनपने नहीं दिया।
- दमोह में पिछले दिनों हुए उप चुनाव में पार्टी ने जिस प्रत्याशी को उतारने का मन बनाया, वह पार्टी का सामूहिक निर्णय था।
- जयंत मलैया को यह गलतफहमी क्यों पालना चाहिए कि वे ही भारतीय जनता पार्टी हैं।
- जयंत मलैया अथवा सिद्धार्थ मलैया और श्रीमती सुधा मलैया ने चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ जिस प्रकार का खुला अभियान चलाया वह कोई छुपा हुआ विषय नहीं है। उन्होंने घर-घर जाकर लोगों को प्रत्याशी के खिलाफ भड़काया और धमकाया भी।
- आज भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व ने मलैया एंड कंपनी के खिलाफ निर्णय लेकर स्पष्ट कर दिया है कि जो भी नेता स्वयं को पार्टी से ऊपर मानने की गलतफहमी पाले हुए हैं, उन्हें अपनी जमीन दिखाई देनी चाहिए।
- सारी दुनिया जानती है कि जयंत मलैया किसी कार्यकर्ता के लिए नहीं केवल अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे थे।
क्या भारतीय जनता पार्टी के भीतर भी परिवारवाद की इस प्रवृत्ति को पनपने देना चाहिए? यह एक बड़ा सवाल है!
- अच्छा होता मलैया किसी कार्यकर्ता की वकालत करते तो उनका संगठन भाव भी दिखाई देता।
- भाजपा प्रत्याशी राहुल लोधी को लेकर शिकायतें हो सकती थीं लेकिन संगठन का निर्णय होने के बाद उस निर्णय पर प्रश्न खड़े करना और उस निर्णय के विरुद्ध काम करना अपनी मां के साथ गद्दारी करना है। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता पार्टी को अपनी मां मानता है।
- आज जयंत मलैया के कुछ जेबी लोग जयंत मलैया को ही भाजपा बता रहे हैं, उन्हें भी अपनी गलतफहमी दूर करने का समय आ गया है।
- हम तो इस बात से प्रसन्न हैं कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व ने ऐसे निर्णय लेकर भाजपा को कांग्रेस बनने से बचाने के लिए प्रयास प्रारंभ कर दिए हैं।
- मेरा भाजपा संगठन से निवेदन है कि ऐसे कठोर कदमों की आहट जबलपुर और सतना में भी सुनाई देना चाहिए।
- मैं अपने शीर्ष नेतृत्व का इस कार्यवाही के लिए हृदय से आभारी हूं। क्योंकि ऐसे लोगों की नाक में नकेल डालने से हम जैसे हजारों लाखों सामान्य कार्यकर्ताओं को भी संगठन और सरकार में भागीदारी के अवसर प्राप्त हो सकेंगे। बहुत-बहुत धन्यवाद।