बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत सगरा गांव की ज्योति विश्वकर्मा को जेंडर चैंपियन बनाया गया है!
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ज्योति विश्वकर्मा को दमोह जिले के लिये महिला एवं बाल विकास विभाग ने जेंडर चैंपियन बनाया
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दमोह। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत ग्राम सगरा में निवासरत अनिल विश्वकर्मा की पुत्री कु.ज्योति विश्वकर्मा को दमोह जिले के लिये महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जेंडर चैंपियन बनाया गया है।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना अंतर्गत जिले में निवासरत ऐसी बालिकाओं को, जिन्होंने समाज के किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया हो, को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जेंडर चैंपियन बनाया जाता है। इन जेंडर चैंपियन बालिकाओं को विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित कर उनकी विचारधारा को समाज के सामने प्रस्तुत किया जाता है, जिससे प्रेरणा लेकर अन्य बालिकाएं भी सीख लें व प्रेरित हो सकें।
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ग्राम सगरा में निवासरत अनिल विश्वकर्मा पेशे से वैल्डर है। परिवार में उनकी पत्नि के अलावा उनकी मॉ और तीन पुत्रियां एवं एक सबसे छोटा पुत्र है। वर्ष 2014 में एक वाहन दुर्घटना के दौरान अनिल विश्वकर्मा के दायें हाथ की कोहनी टूटने के कारण डॉक्टर ने वैल्डिंग कार्य करने से मना कर दिया। जब परिवार का भरण पोषण करने में कठिनाई आना शुरू हो गई तब परिवार की सबसे बड़ी बेटी ज्योति विश्वकर्मा ने आगे आकर परिवार का जिम्मा अपने हाथों में लिया।
ज्योति ने धीरे धीरे वैल्डिंग का काम सीखा और पूरी लगन के साथ पिता के व्यवसाय को आगे बढ़ाया। इस कार्य के साथ साथ ज्योति ने अपनी शिक्षा पर भी पूरा ध्यान दिया, इस दौरान ज्योति ने 10 एवं 12वी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। बचपन से ही ज्योति ने पुलिस बनने का सपना देखा था परंतु पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते अब वह आईटीआई में फिटर ट्रेड में प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने पिता के व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहती है।
ज्योति के साथ ही उसकी दो छोटी बहिनें दीक्षा और शिखा सिलाई कढ़ाई के द्वारा ज्योति के कार्यों में सहयोग प्रदान करती है, साथ ही अपने भाई और अपनी पढ़ाई का जिम्मा खुद उठाती है। महिला बाल विकास विभाग द्वारा जिले के समस्त अभिभावकों से यह अपील की है कि ज्योति के इस सराहनीय कदम के बारे में अपने बच्चों को बताए साथ ही ऐसे बच्चों को प्रेरित करें जो इस तरह के कार्यो द्वारा समाज के लिए प्रेरणा के स्त्रोत बन सकें।
ग्राम सगरा भ्रमण के दौरान पूरी जानकारी प्राप्त करने एवं ज्योति को जेंडर चैंपियन बनाने हेतु श्रेयस रावत एवं वीरेन्द्र जैन (जिला समन्वयक, यूनिसेफ) द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।
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