दल बदलूओ के खिलाफ लगाई गई याचिका पर SC ने चुनाव आयोग और केंद्र को जवाब दाखिल करने दिया अंतिम अवसर !
दमोह। मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की महा सचिव डॉ.जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में दल बदलू नेताओं को लेकर एक याचिका दाखिल की थी, इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षण करने का निर्णय लिया है, जिसमें सरकार को गिराने के मकसद से इस्तीफा देने वाले विधायकों पर छह वर्ष तक चुनाव लड़ने और कोई भी सार्वजनिक पद लेने पर पाबंदी लगाने की गुहार लगाई गई थी। जिसपर चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 7 जनवरी को चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह का समय दिया था।
इस पूरे प्रकरण मे सुप्रीम कोर्ट ने 18 फ़रवरी 2021 को फ़िर से सुनवाई की थी, जिसमे चुनाव आयोग ने ज़बाब देने हेतु अंतिम अवसर की मांग की थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ़्ते का समय ओर देते हुए, अब 5 मार्च को अगली सुनवाई करेगा।
राजनीतिक पार्टियों पर लगा यह आरोप:
दरसअल इस याचिका में कहा गया है कि भारतीय संविधान की 10वीं अनुसूची (Tenth Schedule) को दलबदल विरोधी कानून (Anti-Defection Law) कहा जाता है. 1985 में लाए गए इस कानून के तहत सदन का कोई सदस्य जब अयोग्य हो जाता है, तो उसे उसी सदन जिसके लिए उसका कार्यकाल पांच साल था के लिए दुबारा चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन राजनीतिक पार्टियां संविधान की 10वीं अनुसूची के प्रावधान को निरर्थक बनाने का प्रयास कर रही हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा कि अब देखने में आ रहा है कि दसवीं अनुसूची दलबदल करने वालों के लिए कोई बाधा नहीं रह गई है. राज्य की चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने के लिए विधायकों के इस्तीफा देने का रास्ता तेजी से बढ़ रहा है और दोषियों को अयोग्य भी नहीं ठहराया जा रहा है।
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आपको बता दे की अगर सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई कर याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुना देता है, तो प्रदेश में सियासी संकट उत्पन्न हो जाएगा।