दमोह में हावी होती जातिवाद की राजनीति अब पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया एवं उनके बेटे के खिलाफ जिला पंचायत अध्यक्ष ने खोला मोर्चा
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जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल
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दमोह | जिले के पूर्व विधायक ओर प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री जयंत कुमार मलैया ओर उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया के खिलाफ अब उन्हीं के पार्टी के नेता जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल ने मोर्चा खोल दिया, पटेल ने जयंत मलैया व उनके बेटे पर कई गंभीर आरोप लगाए।
शिवचरण पटेल ने अपने बयान में कहा की पूर्व वित्त मंत्री मलैया ने भाजपा के कई पुराने कार्यकर्ताओं को इतना परेशान किया कि उन्हें मजबूरी में भाजपा को छोड़ना पड़ा, उन्होंने भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष विद्यासागर पांडे, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष हेमंत छाबड़ा, पदाधिकारी हाकम सिंह, वर्तमान बड़ा मलहरा विधायक प्रदुम्न सिंह और भाजपा के पूर्व वित्त मंत्री डॉ रामकृष्ण कुसमरिया का नाम लेते हुए कहा कि इन सभी को भी पार्टी छोड़ने के लिए जयंत मलैया ने ही मजबूर किया है और आज भी वे अपना तानाशाह रवैया अपना रहे हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया की 24 जून को केरबना में एक दलित परिवार पर हटा निवासी मृतक देवेंद्र चौरसिया के परिजनों द्वारा जानलेवा हमला किया गया, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और 25 जून को जब चौरसिया परिवार के लोग एसपी कार्यालय ज्ञापन देने पहुंचे तो जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया ने उनका साथ देते हुए यह आरोप लगाया की चौरसिया परिवार को जानबूझकर फंसाया गया है।
दलित समाज पर हुए हमले को लेकर उनका अब यह आरोप है कि उस हमले की साजिश में पूर्व वित्त मंत्री के बेटे और हटा निवासी कांग्रेस के प्रदीप खटीक शामिल है, इसलिए उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए, पटेल ने यह भी कहा कि 26 जून को हटा बंद के दौरान पूर्व वित्त मंत्री के बेटे ने कुर्मी समाज के बारे में भी अनर्गल टिप्पडी की हैं इसलिए उनके खिलाफ कुर्मी समाज भी लामबंद हुआ है इसलिए सिद्धार्थ के खिलाफ हम कार्रवाई की मांग करते हैं।
आपको बता दें की हटा कांग्रेस के नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या में पथरिया विधायक रामबाई परिहार ओर उनके पति, देवर, भाई, ओर भतीजे के अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल के बेटे पर भी आरोप है। इनमें से विधायक के पति के अलावा बाकी सभी लोग जेल में बंद है। चौरसिया परिवार का यह भी आरोप है की उस हत्याकांड में राजीनामा कराने का दबाव बनाया जा रहा है आरोपी लोग उनके परिवार पर झूठे मुकदमे दर्ज कराने में लगे हैं। केरबना से जुड़े मामले को भी इसी से जोड़ा दिया गया है।
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