दमोह में भाजपा को ही चैलेंज देते दिखाई दे रहें नेता पुत्र

damoh election BJP in Damoh

दमोह। Damoh By Election 2021: दमोह विधानसभा सीट पर उपचुनाव की अभी तारीख़ घोषित भी नही हुई हैं, उससे पहले ही भाजपा नेता के पुत्र अपनी तागत दिखाने में लगे हुए हैं, मंगलवार 2 मार्च को कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक दीपू भार्गव 20: 25 वाहनों  के साथ दमोह पहुंचे, विधानसभा उपचुनाव के बीच दोनों भाजपा नेता पुत्रों की सक्रियता को लेकर दमोह में राजनीति गरमाई हुई हैं।

गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव मानस भवन में आयोजित कोरोना वॉरियर्स सम्मान समारोह में शामिल होने के लिए मुख्यअतिथि के रूप में पहुंचे थे, जिस पर शहर में उनका जमकर स्वागत हुआ था।

आपको बता दें कि बीजेपी ने जब से राहुल सिंह को दमोह उपचुनाव का प्रत्याशी घोषित किया है। तभी से पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया और उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया में नाराज़गी देखी जा रही है, दमोह में भाजपा दो गुटों में बंटी हुई नजर आ रही है, जहा एक राहुल सिंह के समर्थन में है, वहीं दूसरा गुट जयंत मलैया और  सिद्धार्थ मलैया के पक्ष में दिखाई दे रहा है। दरअसल दमोह में अब वर्चस्व की जंग छिड़ी हुई हैं, अब देखना यह होगा कि जयंत मलैया दमोह से चुनाव लड़ते हैं या नहीं।

वहीं अभिषेक भार्गव दमोह की लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रहलाद पटेल को दमोह लोकसभा सीट से टिकट दी गई थी, इसी कारण उनमें नाराज़गी देखी जा रही है। इसलिए उन्होंने दमोह अपनी तागत दिखाई है, इससे अब साफ लगता है कि बीजेपी को कांग्रेस से ज्यादा अपनो से चुनौती मिल रही हैं, हालाकि भाजपा में परिवार वाद नही चलता है।

उपर्युक्त नेताओं के लिए यह चुनाव लिटमस टेस्ट हो सकता है. यह रसायन विज्ञान का एक प्रोसेस है. इसमें क्षार (बेस) और अम्ल (एसिड) का फर्क पता लगाया जाता है. अभिषेक और सिद्धार्थ, दोनों पर परिवारवाद की राजनीति का ठप्पा लगा है. दोनों ही भाजपा के दिग्गज नेताओ के पुत्र है। दोनों अपना हाथ दमोह की धरा पर आजमाना चाहते हैं। एक विधायक पद के इक्षुक है तो एक सांसद के। उपचुनाव के बीच दोनों नेता पुत्रों की सक्रियता को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए गए।

जातिवाद पर अभिषेक की राय:

सर्किट हाउस दमोह में पत्रकारों से चर्चा करते समय अभिषेक भार्गव ने जातिवाद पर निशाना साधा और कहा की “मैं तो जातिवाद की कोई बात नहीं करता, मैं जातिवादी नहीं हूं और जातिवादी की राजनीति में विश्वास भी नहीं करता हूं। यह राजनीति के लिए दुखदाई समय है, कोई एक जाति मिलकर किसी को चुनाव नहीं जिता सकती है।”

सिद्धार्थ मलैया की बढ़ती सक्रियता: 

पूर्व वित्तमंत्री मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया लगातार अपनी सक्रियता बढ़ाते दिख रहे हैं। पार्टी कार्यक्रमों से अलग उनके द्वारा एक आशीर्वाद यात्रा शुरु की गई है, जिसके तहत वह शहर के सभी वरिष्ठ भाजपा नेताओं से जाकर आशीर्वाद ले रहे हैं, उनसे गुप्त वार्ता भी कर रहे हैं, हालांकि एक बात तो साफ हो चुकी है कि जयंत मलैया या उनके बेटे राहुल का साथ नहीं देगे। अब यदि वह राहुल का साथ नहीं देंगे तो माना जा रहा है कि वह इस चुनाव में खड़े होकर अपनी ताकत दिखा सकते हैं। ये बात भी स्पष्ट हो चुकी है कि सिद्धार्थ मलैया कांग्रेस या फिर किसी अन्य दल से चुनाव नहीं लड़ेंगे? या वह निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। पार्टी के विरुद्ध उनके रुख को देखकर तो यही कयास लगाए जा रहे हैं। 

प्रत्याशी घोषित होने के बाद गुटबाजी तेज:

बीते दिनों दमोह पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने जैसे ही दमोह विधानसभा उपचुनाव को लेकर राहुल सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है, उसके बाद से ही भाजपा का एक बड़ा ग्रुप मलैया के समर्थन में खुलकर दिखाई दे रहा है। लगातर सोशल मीडिया पर मलैया समर्थको ने राहुल सिंह के विरुद्ध मोर्चा खोल रखा। ‘बिकाऊ नहीं टिकाऊ’ आदि नारों से मलैया समर्थक पार्टी के विरुद्ध ही अपनी मंशा जाहिर कर रहे।

गुटबाजी के विरुद्ध जिलाध्यक्ष का नोटिस :

दरअसल पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया (Jayant Malaiya) समर्थक राहुल सिंह का विरोध करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते है। आए दिन सोशल मीडिया ओर पंपलेट के माध्यम से राहुल सिंह (Rahul Singh Lodhi) का विरोध करने में लगे हैं। वहीं राहुल सिंह समर्थक जयंत मलैया ओर उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया के खिलाफ लिखने मे लगें हुए है। लगातार बढ़ रही इस तरह की गतिविधियो पर रोक लगाने हेतु भाजपा जिलाध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी (Pritam Singh Lodhi) ने भाजपा कार्यकर्ताओं को कारण बताओ नोटिस भेज चुके है।

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