दमोह। Damoh By Election 2021: बीजेपी ने दमोह सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी के नाम पर मुहर लगा दी है। इसका ऐलान ख़ुद सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने 27 फरवरी को दमोह आकर खुले मंच किया था। उन्होंने दमोह की जनता से अपील करते हुए कहा है कि राहुल लोधी को वोट करें और भाजपा को जिताएं, आप हमारा सहयोग करें, बीजेपी का साथ दें. राहुल लोधी को आशीर्वाद दें। हम दमोह को विकास के मामले में पीछे नहीं रहने दिया जाएगा।
दोनों पार्टीयो के लिए महत्वपूर्ण हैं ये चुनाव:
दरअसल ये उपचुनाव सत्ताधारी भाजपा के साथ ही विपक्षी दल कांग्रेस के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसकी वजह यह है कि यहां से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार जीता था और उसने दलबदल किया जिसके चलते ही दमोह में उपचुनाव की स्थिति निर्मित हुई। हालाकि, दमोह विधानसभा उपचुनाव के लिए अभी तक तारीख का ऐलान नहीं हुआ है, मगर इस चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
2018 में जीते थे राहुल:
वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल करने वाले राहुल सिंह लोधी (Rahul Singh Lodhi) ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देते हुए, भाजपा का दामन थाम लिया था। वही राहुल इस वक्त मध्य प्रदेश वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन के अध्यक्ष भी हैं। और उन्हें केबिनेट मंत्री पद का दर्जा प्राप्त है। दमोह के उपचुनाव को लेकर दोनों दल काफी गंभीर हैं।
भाजपा के लिए है चुनौती बन सकते हैं मलैया :
मप्र के पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया (Jayant Malaiya) चुनौती बन सकते हैं, क्योंकि राहुल सिंह लोधी ने मलैया को चुनाव में हराया था। मलैया ने लगातार 6 बार दमोह विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया है और उपचुनाव में भी दावेदार थे। दमोह ज़िले कि विधानसभा सीट के इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि अब तक हुए 15 चुनाव में छह बार भाजपा के जयंत मलैया जीते हैं, तो वहीं दूसरी ओर सात बार दमोह से कांग्रेस का उम्मीदवार और दो बार निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की है।
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राहुल सिंह लोधी ही एक मात्र ऐसे उम्मीदवार हैं जो पिछड़े वर्ग से होते हुए भी यहां से सीट जीत पाए हैं। इससे पहले कांग्रेस (Congress) की ओर से बहुसंख्यक ब्राह्मण नेताओं ने जीत दर्ज की थी इनमें प्रभुनारायण टंडन, चंद्र नारायण टंडन और मुकेश नायक का नाम शामिल रहा हैं।
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पॉलिटिकल पंडितों का मानना है, कि इस बार दमोह (Damoh) का चुनाव काफ़ी रोचक होने वाला है, ऐसा इसलिए क्योंकि, राहुल सिंह के दलबदल करने से एक वर्ग में खासी नाराजगी है। जहा जयंत मलैया का टिकट कटने से जैन वर्ग में असंतोष है। वही ब्राह्मणों में भी नाराज़गी है अगर इन परस्थितियो में ब्राह्मण, जैन और अल्पसंख्यक एक हो जाते हैं तो बीजेपी (BJP) के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है। हालाकि भाजपा को पिछड़ा वर्ग और अपने पुराने वोटबैंक का साथ मिलता है तो उसके लिए यहां से जीत आसान हो जाएगी।