दमोह: जैन तीर्थ स्थल कुंडलपुर मंदिर को मिला भारत का पहला सेफ भोग प्रमाणपत्र
दमोह। राज्य सरकार ने प्रदेश स्थित विभिन्न धार्मिक स्थलों पर शुद्ध एवं सुरक्षित प्रसाद एवं भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रोजेक्ट भोग प्रारंभ किया है। इसी उद्देश्य को लेकर दमोह जिले की तहसील पटेरा के ग्राम कुंडलपुर स्थित श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र मंदिर की भोजन शाला को सेफ भोग प्रोजेक्ट अनुसार बनवाने में कलेक्टर तरुण राठी के अथक प्रयासों से चयन किया है।
केंद्रीय ऑडिटर की फाइनल रिपोर्ट में कंप्लायंस प्राप्त होने पर श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र भोजन शाला भारत की प्रथम जैन तीर्थ स्थल है, जिसे सेफ भोग प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दमोह डॉ.संगीता त्रिवेदी ने सुव्यवस्थित कार्ययोजना के तहत फाइनल ऑडिट की तैयारी खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री राकेश अहिरवाल के निर्देशन में की गई जिसके तहत कुंडलपुर में श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र मंदिर स्थित भोजनशाला का फाइनल ऑडिट एफ.एस.एस.ए.आई. से निर्धारित केंद्रीय ऑडिटर शैलेन्द्र भाटी द्वारा द्वारा जारी फाइनल ऑडिट में श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर को 47 फ़ूड सेफ्टी पैरामीटर्स में कंप्लायंस करने पर कुल निर्धारित 114 अंक में से 104 अंक प्राप्त हुए हैं जो कि अनुकरणीय, प्रतिमान की श्रेणी में है।
श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर को सेफ भोग प्रमाण पत्र प्राप्त करवाने में श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर की प्रबंधन समिति अध्यक्ष श्री संतोष सिंघई, महामंत्री श्री नवीन निराला,वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री देवेंद्र सेठ, श्री गौरव जैन इंजीनियर, श्री रेशु जैन ,भोजन शाला प्रभारी श्री महेश दिगंबर सहित अन्य मंदिर समिति सदस्यों एवं स्टाफ मेंबर्स का सहयोग रहा है।
ज्ञातव्य है भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफ.एस.एस.ए.आई.) के प्रोजेक्ट “सेफ भोग” का मुख्य उद्देश्य भारत में विभिन्न धार्मिक तीर्थ स्थलों/पूजा स्थलों पर शुद्ध एवं सुरक्षित प्रसाद एवं भोजन को श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराना है। BHOG (भोग) (ब्लिसफुल एंड ह्यजीनिक ऑफरिंग टू गॉड) अर्थात “ईश्वर के लिए आनंदमय एवं स्वच्छ अर्पण” है।
इसके तहत सभी पूजा स्थलों में वितरित होने वाला प्रसाद एवं भोजन एवं उसके समीप खाद्य प्रतिष्ठानों को फ़ूड सेफ्टी के तहत फ़ूड लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होता है। इन स्थानों पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अंतर्गत विभिन्न प्रावधानों का पालन करना आवश्यक होता है।