टीसी मांगने पर स्कूल के प्रिंसिपल की मनमानी अभिभावक से फ़ीस वसूल करने का बनाया दवाब और जमाया रोब!

saraswati school principal misbehaviour

दमोह। निजी स्कूलों (Private School) द्वारा अनुचित फीस वसूली का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है लगातर ऐसे कई मामले सामने आए जहां कोरोनाकाल मे अभिभावको से फ़ीस वसूली जा रहीं हैं। जबकि इस सारे मामले पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) अपना फैसला सुना चुका है हाईकोर्ट के फ़ैसले के अनुसार प्रदेश के प्राइवेट स्कूल जबतक कोरोना खत्म नहीं होगा, तब तक सिर्फ ट्यूशन फीस (Tution fees) ही ले सकेंगे। परंतु हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद से लगातार निजी स्कूल अभिभावको से अनुचित शुल्क और फ़ीस वसूल कर रहे हैं।


ताज़ा मामला दमोह (Damoh) के केशव नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर (Saraswati Shishu Mandir) का जहां के प्राचार्या सुंदर सिंह ठाकुर द्वारा अनुचित फ़ीस वसूली जा रही है। दरअसल उनके विद्यालय की कक्षा दूसरी मे पढ़ने वाले बालक के अभिभावक को लगातर चक्कर कटवा कर परेशान किया जा रहा है। परेशानी की वज़ह है टीसी (TC)!


अभिभावक ने बालक का एडमिशन जेबीपी ई.ए.फ स्कूल दमोह (JPB EFA School Damoh) में नवंबर माह में करा दिया था। जिसके बाद स्कूल को प्राप्त आदेश के अनुसार बालक के अभिभावक को टीसी (TC) जमा करने को कहा गया। जिसके लिए अभिभावक ने सरस्वती शिशु मंदिर में टीसी के लिए आवेदन सौपा परंतु स्कूल के प्रिंसीपल (Principal) ने जवाब स्वरूप टीसी देने से इंकार कर दिया और बाद में पूरी जुलाई से फ़रवरी तक की फ़ीस और अन्य शुल्क भरने के लिए कहा।


प्रिंसिपल ने बालक के अभिभावक से अभद्र व्यवहार (Misbehaviour) किया और टीसी देने से पुनः मना कर दिया। सारा घटना क्रम ऑडियो मे रिकॉर्ड हो गया जिसमें प्रिंसिपल ऊचे स्वर में बात करते नज़र आए और अभिभावक पर रौब जमाते दिखे।



हाई कोर्ट के आदेश अनुसार निजी स्कूल बैक डेट से या एरियर्स के रूप में अन्य मदों की पुरानी फीस की वसूली नहीं कर सकेंगे। कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए ये भी कहा है कि निजी स्कूल किसी भी स्थिति में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित नहीं कर सकते। कोरोना संकट के बीच प्राइवेट स्कूलों द्वारा अभिभावकों से भारी-भरकम फीस वसूलने के लिए दबाव बनाए जाने की लगातार खबरें मिल रही हैं। इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसी पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था जिसकी धज्जियां उड़ती नजर आ रही।


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