गरीबों से छलावा: मप्र में राशन दुकानों में गेहूं की कटौती कर गरीबों को दिया जा रहा है बाजरा!
भोपाल। मध्य प्रदेश की सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को बांटे जाने वाले राशन में गेंहू की मात्रा कम कर बाजरा बांट रही है। प्रदेश के कुछ जिलों में फरवरी माह से शासकीय उचित मूल्य की दुकान (public distribution system (PDS) से बाजरा बटवाना शुरू किया है। गेहूं में कटौती कर बाजरा मिलने से गरीब हितग्राही काफी नाराज हैं।
गेहूं के मुकाबले आटा चक्की पर बाजरा (bajra) पिसवाने के दाम भी दो गुना लिए जाते हैं। ऐसे में घर में गेहूं के आटे की पूर्ति के लिए लोग बाजार में बाजरा को बेचकर गेहूं खरीद रहे हैं।
चक्की चलाने वाले दुकानदारों का कहना है कि गेहूं के मुकाबले बाजरा (Bajra) ज्यादा कड़क होता है। लोग 2-5 किलो ही पिसवाने आते हैं, इसलिए चक्की पर पीसने में समय भी लगता है। इधर हितग्राही बताते हैं कि बाजरे की रोटी घर में कोई नहीं खा रहा, अतिरिक्त खर्च करके बाजार से गेहूं खरीदना ही पड़ रहा है।
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लोगों का कहना है कि घर में बच्चे बाजरा की रोटी नहीं खा रहे हैं। उसका आटा कड़वा भी लग रहा है। परिवार में गेहूं की पूर्ति के लिए बाजरा की जगह गेहूं खरीदना पड़ रहा है। अति गरीबी वाले परिवारों को दस किलो तक बाजरा मिल रहा है। वहीं दूसरी श्रेणी बीपीएल (BPL) वालों को प्रति सदस्य दो किलो गेहूं कम कर दो किलो बाजरा दिया जा रहा है।
जहा फरवरी महीने में राशन दुकान (Ration Dukan) संचालकों ओर कर्मचारियों ने हड़ताल की जिससे गरीबों को राशन मिलने में काफ़ी परेशानी हुई, राशन ना मिलने से लोगों ने बाजार से राशन अधिक मूल्य पर ख़रीदा।
जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने भिंड मुरैना जिलो से बाजरा की खरीदी की हैं, जिससे बाजरा का स्टॉक अधिक मात्रा में होने के कारण अब इसे राशन दुकानो (Ration Shops) में खपाने की कशिश कर रही हैं, इसी कारण सरकार गेहूं की मात्रा कम करके बाजरा राशन दुकानों में बटवाने में लगी हुई है।
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