क्या भाजपा के दूसरे ‘कुसमरिया’ साबित होंगे जयंत मलैया?
दमोह। दमोह में उपचुनाव की घोषणा के बाद से ही सभी की नज़रे पूर्व वित्त मंत्री जयंत कुमार मलैया और उनके बेटे सिद्धार्थ पर बनी हुई हैं, अगर पिछले चुनाव की ओर नजर डाले तो, बीजेपी के लिए 2018 के विधानसभा चुनावों में अपनो से ही चुनौती मिली थी। बता दें कि विधानसभा चुनाव में मलैया की हार की सबसे बड़ी वजह खुद रामकृष्ण कुसमरिया (Ramkishan Kusmaria) थे क्योंकि बीजेपी (BJP) से टिकट न मिलने पर वो बागी हो गए थे और पथरिया और दमोह (Damoh) से निर्दलीय चुनावी मैदान में कूद गए थे, नतीजा यह हुआ कि मलैया को हार का सामना करना पड़ा था।
कुसमरिया ने अपनी ही पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ एक विद्रोही के रूप में लड़ाई लड़ी थी, वहीं इस बार भाजपा के लिए पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ बने हुए हैं।
हालांकि कुसमरिया को केवल 2,000 वोट हासिल हुऐ थे, लेकिन वे भाजपा के मंत्री जयंत मलैया की हार सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त थे जो कांग्रेस उम्मीदवार राहुल सिंह लोधी से लगभग 800 वोटों से हार गए थे।
लेकिन इसबार सीन बदल चुका हैं, राहुल सिंह लोधी बीजेपी में शामिल हो गए और उन्हें पार्टी के उम्मीदवार के रूप में नामित किया जा चुका हैं। जबकि मलैया के बेटे सिद्धार्थ, जो अपने पिता की सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक थे, उन्होंने इस मामले पर चुप्पी साध ली है, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया है कि वह निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं।
अक्टूबर 2020 में, राहुल ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर और भाजपा में शामिल हो गए जिसके बाद दमोह विधानसभा सीट पर उपचुनाव की आवश्यकता थी। भाजपा ने राहुल सिंह लोधी को ही दमोह सीट से मैदान में उतारने का फैसला किया है, जबकि मलैया, जिन्होंने 1990 से छह बार सीट का प्रतिनिधित्व किया, फिर भी वह अपना गढ़ छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
हालांकि इस असंतोष को दूर करने के लिए, बीजेपी ने कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह को दमोह विधानसभा सीट (Damoh Assembly Seat) के मामलों का प्रभारी नियुक्त किया है। मलैया परिवार के कई अवसरों पर उनके इरादे स्पष्ट थे और माना जाता है कि उन्होंने अपनी पारंपरिक सीट बचाने के लिए चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। इसके अलावा, जयंत मलैया, उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया टिकट के आकांक्षी हैं।
हालांकि, मलैया परिवार अभी भी अपने पत्ते नहीं खोल रहा है। जयंत मलैया (Jayant Malaiya) ने कहा, “मैं इस स्तर पर कुछ भी नहीं कहना चाहूंगा” जबकि उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया ने कहा, “हम अभी भी उम्मीद कर रहे हैं कि पार्टी हम पर दोबारा विचार करेगी।
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