कोराना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए शहरी मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा शुरू की गई!
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फ़ोटो साभार- इकोनॉमिक्स टाइम्स |
दमोह। मप्र सरकार के निर्देश पर अब दमोह जिले में भी होम आइसोलेशन की सुविधा शुरू हो गई है। यानि अब अपने ही घर में रहकर एक सुरक्षित और पृथक कमरे में संक्रमित व्यक्ति अपनी देखरेख कर पाएगा। मरीज के स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए जिला स्तर पर एक डिस्ट्रिक कोविड कंट्रोल कमाण्ड सेंटर बनाया गया है जहां बैठे चिकित्सक वीडियो कॉल के माध्यम से दिन में दो बार मरीज से रूबरू होंगे। इस दौरान मरीज का ऑक्सीजन लेबिल और शरीर का तापमान जांचा जाएगा।
होम आइसोलेशन की सुविधा से फिलहाल 8 मरीज जुड़ चुके हैं जिन्हें घर में ही रखकर उनका इलाज किया जा रहा है।
इन शर्तों पर ही मिलेगी होम आइसोलेशन की सुविधा:
राज्य सरकार के निर्देश पर यह सुविधा जिले में प्रारंभ हो गई है लेकिन होम आइसोलेशन के लिए सभी मरीज पात्र नहीं होंगे। होम आइसोलेशन की सुविधा सिर्फ उन मरीजों को मिलेगी जो शहरी क्षेत्रों से हैं जिनके पास अपने घर पर ही अटैच टायलेट सहित एक पृथक हवा और रोशनीयुक्त कमरा मौजूद है।
ऐसे मरीज जिनकी आयु 60 साल से कम है और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं जैसे बीपी, डायबिटीज, हृदय, किडनी आदि से जुड़े रोग नहीं है। होम आइसोलेट कर रहे मरीजों को अलग कमरे में रहना होगा।
उनके खाने के बर्तन एवं कपड़े भी अलग होंगे जिसे वह स्वयं इस्तेमाल कर धोएगा। मरीज के स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए उसे एक कोविड किट भी दी जाएगी जिसमें दवाएं और निर्देश होंगे। इसके साथ ही मरीज को अपना ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर रखना होगा। प्रतिदिन दिन में दो बार जब डॉक्टर उनसे बात करेंगे तब वे वीडियो कॉल पर ही अपना ऑक्सीजन लेबिल और तापमान चैक कराएंगे। लक्षण मिलते ही या संदेह होते ही तुरंत जांच कराएं।
ये लक्षण इस प्रकार हैं:
सर्दी, जुकाम, बुखार, सांस लेने में तकलीफ,स्वाद और गंध का पता ना चलना,कई बार कोई लक्षण नहीं मिलता, शरीर का ऑक्सीजन लेबिल जांचते रहें और संदेह होने पर कम से कम 5 दिन आइसोलेट हो जाएं। 5 दिन तक आइसोलेट होने पर 90 फीसदी लोग इसके कैरियर नहीं रह जाते।