उपचुनाव से पहले दमोह वासियों को मिली बड़ी सौगात, मेडिकल कॉलेज खुलने की सैद्धांतिक मंजूरी मिली!
दमोह। Damoh Medical College: दमोह को आज बड़ी सौगात मिली है, जिसकी उम्मीद दमोह वासी लगातार कई वर्षो से लगाए बैठे थे उनकी मांग अब पूरी हो चुकी है। दरअसल दमोह ज़िले में मेडिकल कॉलेज खुलने के लिए शिवराज सरकार से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। इस संबंध में मध्य प्रदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया है।
पिछले दिनों केंद्र सरकार ने मेडिकल कॉलेज के लिए देश के कुल 115 शहरों का सर्वे कराया था। इन शहरों में मध्यप्रदेश के दमोह समेत कुल आठ जिलो को शामिल किया गया था, जिनमें मेडिकल कॉलेज खोले जाने की संभावनाएं तलाशी गई थीं। दमोह जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने का आदेश जारी कर दिया गया है. सर्वे में मध्य प्रदेश के दमोह, छतरपुर, राजगढ़, विदिशा, गुना, खंडवा, बड़वानी, सिंगरौली को शामिल किया गया था।
यहां है खुलने की संभावना :
कलेक्टर तरूण राठी ने बताया तहसीलदार दमयंती नगर दमोह के जांच प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी दमोह की सहमति के आधार पर मौजा बरपटी पहनं 19/72 अथाई रनिमं हिरदेपुर तहसील दमयंती नगर (दमोह) में स्थित खनं 5/2 रकवा 7.04 हेक्टर भूमि मेडीकल कॉलेज की स्थापना हेतु रापुपरि. खण्ड-4(2) की कंडिका-5 तथा मप्र नजूल भूमि निर्वतन निर्देश 2020 के अध्याया-2 में वर्णितक प्रावधानों के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग मंत्रालय के नाम अंतरित की गई है।
मेडिकल कॉलेज गले की फांस:
दरासल दमोह में लंबे समय से मेडीकल कॉलेज शहर की राजनीति में एक अहम मुद्दा रहा है। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में मेडीकल कॉलेज ही वह सबसे अहम मुद्दा था जिसकी वजह से कांग्रेस की टिकट पर राहुल सिंह लोधी विधायक बने थे. हालांकि उन्होंने प्रदेश में करीब तीन महीने पहले हुए उपचुनाव के दौरान विधायक पद से इस्तीफा दिया और बीजेपी में शामिल हो गए थे। दमोह को अपना गढ़ मान चुके और दिग्गज कहे जानें वाले भाजपा नेता जयंत कुमार मलैया की भी नैय्या इसी मेडीकल कॉलेज के कारण ही डूबी थी। मलैया के शासनकाल में पहले यूनिवर्सिटी खो चुके दमोहवासी पहले ही निराश थे उनकी निराशा आक्रोश में तब बदल गई जब मेडीकल कॉलेज के सपने को भी अपने आंखों से ओझल देखा। खैर जब चुनावी माहौल है और इतनी बड़ी घोषणा तब इसे क्या माना जाए चुनावी लोलीपॉप या सच इसका पता तो बाद में चलेगा पर देखना होगा की जनता इसे क्या समझती है।