आख़िर क्या होता ‘कोरोना नाइट कर्फ्यू’ और किनको मिलती है छूट?
भोपाल। देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर (corona wave) जारी है। बीते 5-6 दिनों से देश में एक दिन में अब 1 लाख से अधिक केस सामने आ रहे हैं। कोरोना संक्रमन पर लगाम लगाने के लिए एहतियातन के तौर पर देश के कई शहरों व जिलों में नाइट कर्फ्यू तथा लॉकडाउन लागू कर दिया गया है।
इस दौरान ज्यादातर राज्यों में स्कूल-कॉलेजों को बंद रखा गया है या फिर वे सख्त नियमों के साथ खुल रहे हैं। कोरोना के ज्यादातर मामले महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, गुजरात व मध्य प्रदेश से सामने आ रहे हैं। ऐसे में इन राज्यों में नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन का सहारा लिया गया है। मोटे तौर पर देश के करीब 100 से ज्यादा शहरों में फिलहाल नाइट कर्फ्यू लगाया जा चुका है।
आख़िर क्या होता है नाइट कर्फ्यू ?
दिल्ली, महाराष्ट्र, यूपी, मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों के विभिन्न शहरों में कोरोना संक्रमण के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। आम तौर पर रात में 10 बजे से सुबह 5 बजे तक इन शहरों में नाइट कर्फ्यू लागू रहेंगे। हालांकि, कुछ राज्यों ने इसमें अपने हिसाब से संशोधन कर समय में बदलाव किया है। मोटे तौर पर समझें तो ये(नाइट कर्फ्यू) ऐसा आदेश होता है, जिसमें सुनिश्चित किया जाता है कि रात के दौरान लोग घरों से बाहर नहीं निकलें। ऐसी स्थितियां तब पैदा होती है जब युद्ध, दंगा या खतरे का ऐसा समय होता है जब लगता है कि सार्वजनिक जगहों पर लोगों का जमावड़ा नहीं होना चाहिए। जब ऐसा आदेश केवल रात के दौरान पाबंदी के लिए दिया जाता है तो इसे ‘नाइट कर्फ्यू’ कहा जाता है।
इस आदेश का उपयोग विशेष परिस्थितियों में होता है। कभी इसके जरिए शांति और व्यवस्था की स्थापना की जाती है, लेकिन हाल के दिनों में कोरोना से जूझ रहीं दुनिया में इसका इस्तेमाल ज्यादा हुआ है। इसके जरिए नागरिकों की सुरक्षा और कोरोना वायरस से उनकी रक्षा तय की जा रही है। कर्फ़्यू आदेश को तोड़ने पर सजा का भी प्रावधान होता है।
कितना कारगर है होता है नाइट कर्फ्यू?
रात में 9 बजे या फिर 10 या 11 बजे से नाइट कर्फ्यू लगाए जाने से लोग शाम के वक्त निकलने से हिचकते हैं। इसकी वजह यह है कि उन्हें घर वापस लौटने तक देरी हो सकती है। इसके चलते लोग रात में होने वाली पार्टीज में भी जाने से बचना चाहते हैं। आमतौर पर शाम का वक्त ही ऐसा होता है, जब लोग किसी कार्यक्रम में शामिल होते हैं या फिर निकलते हैं। ऐसे में नाइट कर्फ्यू के डर से ऐसे लोग हतोत्साहित होते हैं। ऐसे में लोगों का जमावड़ा कम होता है। यही वजह है कि सरकारें कोरोना के बढ़ते मामलों के खिलाफ नाइट कर्फ्यू के फैसले को कारगर मान रही हैं।
इनको मिलती है छूट:
(1) कोरोना का नाइट कर्फ्यू आम तौर पर रात 10 बजे से सुबह 05 बजे तक है। इसका मतलब दिन में आप कहीं भी आ जा सकते हैं, उसमें कोई रुकावट नहीं है लेकिन इस दौरान कोरोना की शारीरिक दूरी और मास्क का पालन करना होगा। वरना जुर्माना लग सकता है।
(2) नाइट कर्फ्यू से प्राइवेट डॉक्टर्स, नर्सें और पैरा मेडिकल स्टाफ को छूट दी जाएगी ताकि वो स्वास्थ्य सेवाओं में अपने काम को पूरा कर सकें. उनके आने – जाने में कोई रोक-टोक नहीं है।
(3) अगर आप एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन जा रहे हैं तो आपको इसकी इजाजत होगी लेकिन आपके पास टिकट और आईडी होना चाहिए। अगर आप बाहर से आए हैं तो अगर आपके पास टिकट है तो भी आपको नाइट कर्फ्यू में आने-जाने की छूट मिलेगी। आप वहां से टैक्सी, आटो, मेट्रो या अन्य उपलब्ध सार्वजनिक यातायात के साधनों से घर जा सकते हैं।
(4) रात के दौरान ट्रैफिक मूवमेंट पर कोई पाबंदी नहीं है। बस, मेट्रो, आटो, टैक्सी और सार्वजनिक वाहन चल सकेंगे। लेकिन इस दौरान निजी वाहनों को छूट नहीं मिलेगी।
(5) इस दौरान राशन, जनरल स्टोर्स, फ्रूट और सब्जी विक्रेता के साथ मेडिकल स्टोर पर काम करने वाले भी रात में आ-जा सकेंगे। प्रिंट और इलैक्ट्रानिक मीडिया के लोग भी इस छूट के पात्र होंगे लेकिन इन सभी के पास ई पास होने चाहिए।