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नई दिल्ली। केंद्र कि मोदी सरकार ने सोमवार को लोकसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी समुदाय) से जुड़ा एक अहम विधेयक पेश किया। सरकार ने 127वें संविधान संशोधन विधेयक को पेश किया है। इस विधेयक में राज्य सरकारों को ओबीसी लिस्ट तैयार करने का अधिकार देने का प्रावधान मिल सकेगा। बता दें कि हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दी थी।
क्या हैं OBC आरक्षण से जुड़ा बिल?
ये बिल 127वां संविधान संशोधन बिल है, जिसे आर्टिकल 342A(3) के तहत लागू किया जाएगा. इससे राज्य सरकारों को ये अधिकार होगा कि वह अपने हिसाब से ओबीसी समुदाय की लिस्ट तैयार कर सकें. संशोधित बिल के पारित होने के बाद राज्यों को इसके लिए केंद्र पर निर्भर नहीं रहना होगा.
केंद्र सरकार क्यों ला रही है ऐसा बिल?
दरअसल, 5 मई को मराठा आरक्षण के मामले में फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा था कि ओबीसी की लिस्ट तैयार करने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास ही है। आरक्षण जैसे संवेदनशील मामले में केंद्र सरकार किसी तरह का कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है. इसलिए उसी वक्त केंद्र सरकार ने इस पर आपत्ति जताई थी. इसलिए संविधान संशोधन लाकर केंद्र सरकार राज्य सरकारों को भी ओबीसी लिस्ट तैयार करने का अधिकार दे रही है।
बिल क्या है प्रावधान?
केंद्र सरकार जो संशोधन विधेयक लेकर आई है, उसमें प्रावधान है कि राज्य सरकारें अब अपने यहां ओबीसी की लिस्ट तैयार कर सकेंगी। यानी अब राज्यों को किसी जाति को ओबीसी में शामिल करने के लिए केंद्र पर निर्भर नहीं रहना होगा। इसका मतलब है कि अब राज्य सरकारें अपने यहां किसी जाति को ओबीसी समुदाय में शामिल कर पाएगी।