भोपाल। कोरोना महामारी ने सेहत के साथ लोगों की आर्थिक स्थिति पर गहरी चोट करी है। जिससे लोगों की आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। वहीं बच्चो को पढ़ाई के लिए स्कूलों की फीस जस की तस है। जिसको लेकर बच्चों के अभिभावकों ने मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (School Education Minister Inder Singh Parmar) से मुलाकात कर फीस का भार कम करने का आग्रह किया तो मंत्री भड़क गए. आरोप है कि उन्होंने पालक संघ के पदाधिकारियों से कहा कि ‘जाओ मरो जो करना है करो.’ इसके बाद से राज्य की सियासत में गर्माहट आ गई है।
मध्यप्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह का शर्मनाक बयान
स्कूल फीस कम करने की मांग को लेकर मिलने पहुंचे लोगों से कहा- ‘मरना है तो मरो जाके’#MadhyaPradesh @JournalistVipin pic.twitter.com/HkBgpy0q6W
— News24 (@news24tvchannel) June 29, 2021
पैरेंट्स फेडरेशन के अध्यक्ष कमल विश्वकर्मा ने बताया कि अभिभावक मंगलवार सुबह स्कूल शिक्षा मंत्री के आवास पर शिकायत लेकर गए कि स्कूल फीस ज्यादा ले रहे हैं, लेकिन मंत्री ने अभिभावकों की एक नहीं सुनी और आपा खो बैठे। मंत्री ने इस मांग से नाराज होकर आने वाले माता-पिता से कहा, “जाओ और मरो, जो चाहो करो।” मंत्री परमार का बयान अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
अभिभावक संघ ने मंत्री से माफी की मांग की है। उन्होंने परमार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने का भी फैसला किया है।
बीजेपी ने मंत्री का बचाव किया है. भाजपा प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने कहा कि स्कूल फीस को लेकर अभिभावक संघ ने स्कूल शिक्षा मंत्री से मुलाकात की थी. “मंत्री ने उन्हें इंतजार करने को कहा और कहा कि वह इस मुद्दे का अध्ययन करके वापस आ जाएगा। फिर माता-पिता कहने लगे, क्या हम मर जाएं। फिर उन्होंने कहा कि क्यों मरो, मैं इस मुद्दे को पढ़कर समस्या का समाधान करूंगा।”
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