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दमोह। दमोह विधानसभा उपचुनाव सीट पर शनिवार सुबह 7 बजे से शुरू हुआ मतदान शाम 7 बजे थम गया। इसी के साथ अब उम्मीदवारों की क़िस्मत का फैसला 2 मई को मतगणना के परिणाम के बाद ही सामने आएगा।
आपको बता दें कि दमोह उपचुनाव में मतदान कुल 59.81% हुआ। कोरोना संक्रमण को देखते हुऐ इसबार मतदान केंद्रों पर खास इंतजाम किए गए थे। अंदर जाने से पहले वोटर का टेंपरेचर (Temprature) नापा गया एवं हैंड ग्लब्स भी दिए गए, वोट देने के बाद हाथ साफ करने के लिए सैनिटाइजर भी उपलब्ध कराया गया।
दो महिलाओं समेत कुल 22 प्रत्याशी:
इस उपचुनाव में दो महिलाओं समेत कुल 22 प्रत्याशी मैदान में है, लेकिन इनमें सीधा मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी और कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन के बीच ही देखा गया है। राहुल लोधी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीते थे, लेकिन बाद में वे विधायक पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए। इस उपचुनाव में वे भाजपा के प्रत्याशी हैं। 2 मई को उपचुनाव के नतीजों से तय होगा कि मतदाताओं ने उनके भाजपा में जाने पर सहमति दी है या उनका फैसला नामंजूर कर दिया है।
15 महीने में ही छोड़ दी थी कांग्रेस:
दरासल 2018 में प्रदेश कि सत्ता में आई कांग्रेस की कमलनाथ सरकार सिंधिया के दलबदल के करने के कारण महज़ 15 महीने में ही गिर गयी थी। सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के कुछ समय बाद ही राहुल सिंह लोधी ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहुल को बीजेपी की सदस्यता दिलाई थी। इस तरह दमोह सीट खाली हो गयी थी।
2018 के चुनाव में जयंत मलैया को हराया था
राहुल लोधी ने:
बीजेपी प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी 2018 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे और उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया 798 वोटो से हराया था। राहुल सिंह को कुल 78997 और जयंत कुमार मलैया को 78199 मत प्राप्त हुए थे। वहीं जीत अंतर काफी कम था।
कौन है राहुल सिंह?
राहुल सिंह लोधी,हिंडोरिया के राज परिवार से ताल्लुक रखते हैं, उनके बड़े भाई प्रदुम्न सिंह लोधी बड़ा मलहरा सीट से विधायक हैं। 2014-15 में कांग्रेस के मैंडेड पर ही राहुल सिंह लोधी जिला पंचायत का चुनाव भी लड़ चूके जिसमे वह जीते थे। उनकी मां भी नगर परिषद हिंडोरिया की अध्यक्ष रह चुकी हैं।