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दमोह। दमोह उपचुनाव 2021: दमोह विधानसभा उपचुनाव में विधायक का चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी (Independent Candidate) जो अपने हाथों में चप्पल लेकर घूम रहे हैं, ये प्रत्याशी किसी को चप्पल मारने के लिए नहीं, बल्कि वोट मांगने के लिए चप्पल लेकर पूरे दमोह शहर और गांवो घूम रहे हैं। लोग नेताजी के दोनों हाथों में चप्पल देख कर हैरानी भी जताते हैं, वहीं कुछ इनका मज़ाक भी उड़ा रहे हैं लेकिन जब लोगों को सच्चाई पता चलती है, तो इनकी तारीफ़ भी करते हैं।
वहीं वैभव सिंह ने जिला निर्वाचन अधिकारी को एक पत्र लिखा है और चुनाव आयोग द्वारा तय किए गए निर्देशों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा है कि, “मतदान के दौरान एवं मतदान केंद्र के भीतर कोई भी कर्मचारी, मतदाता, निरीक्षण दल के अधिकारी जूता-चप्पल न पहनें, क्योंकि दमोह विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवारों को जूता और चप्पल चुनाव चिन्ह भी आवंटित किए गए हैं। साथ ही उन्होंने अपने आवेदन में कहा है कि, “वे चुनाव जीतते हैं तो उसके बाद न्यायालय में अनेकों याचिकाएं लग सकती हैं और उसका आधार यह रहेगा कि मतदान के दौरान चुनाव चिन्ह के साथ कर्मचारी मौजूद रहे. चुनाव आयोग के स्पष्ट निर्देश है कि चुनाव चिन्ह मतदान केंद्र की परिधि से 100 मीटर बाहर होने चाहिए. इन स्थितियों में चुनाव तक निरस्त हो सकता है लिहाजा कर्मचारियों को मतदान केंद्र में जूते-चप्पल पहनकर प्रवेश न करने दिया जाए।
दरासल ये निर्दलीय उम्मीदवार वैभव सिंह बीजेपी प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी के चचेरे भाई है। वैभव सिंह लोधी (Vaibhav Singh Lodhi) को चुनाव चिन्ह चप्पल आवंटित हुआ है, उन्होंने चप्पल हाथ में लेने के बाद से ही बेबाकी से बोलते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल और प्रदुम्न सिंह लोधी ने बिकने का जो काम किया है। उससे केवल लोधी समाज ही नहीं बल्कि दमोह विधानसभा (Damoh Assembly) का नाम देशभर में बदनाम हुआ है, लोधी समाज और हिंडोरिया राज परिवार का सिर शर्म से झुक गया है, इनके कृत्यों के कारण आज लोधी समाज को लोग मां बहन की गालियां दे रहे हैं. मुझे भी मां की गाली सुनने को मिलती है. जब मैं कहीं जाता हूं तो लोग गालियां देते हैं।
राजनेतिक दलों का बिगाड़ सकते हैं खेल:
यह माना जा रहा है कि वैभव सिंह भाजपा उम्मीदवार (Bjp Candidate) राहुल लोधी का चुनावी गणित बिगाड़ने की ताकत रखते हैं। वैभव और राहुल दोनों ही लोधी समाज से आते हैं। दमोह सीट पर लोधी वोटरो की बड़ी संख्या हैं। ऐसे में वैभव के मैदान में उतरने से लोधी समाज के वोटों का विभाजन हो सकता है जो राहुल लोधी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
दूसरी ओर नाम वापसी के बाद अब दमोह उपचुनाव (Damoh Upchunav) में 22 उम्मीदवार बचे हैं। भाजपा से यहां राहुल लोधी और कांग्रेस से अजय टंडन मैदान में हैं। दोनों ही दलों की परेशानी इनके उम्मीदवारों के हमनामों का भी चुनाव लड़ना है। इस बार राहुल और अजय नाम के 4-4 उम्मीदवार मैदान में हैं। दोनों ही दलों को यह भय भी सता रहा है कि एक जैसे नामों के चलते उन्हें वोटों का नुकसान न हो जाए।
बीते विधानसभा चुनाव में राहुल लोधी (Rahul Lodhi) करीब आठ सौ वोटों से चुनाव जीते थे। बड़ी बात तो यह थी कि राहुल नाम से ही खड़े दो अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों ने इस चुनाव में कुल तीन हजार वोट हासिल किए थे। ऐसे में एक जैसे नाम उम्मीदवारों के लिए खतरे की घंटी भी बन जाते हैं।
आपको बता दें कि, पिछले विधानसभा चुनाव में दमोह में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, तब राहुल लोधी ने बीजेपी के उम्मीदवार जयंत मलैया को हराया था। बाद में राहुल सिंह लोधी ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे कर और दल बदल करते हुए। बीजेपी में शामिल हो गए। वहीं अब राहुल को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया हैं और उनका मुकाबला कांग्रेस के अजय टंडन (Ajay Tandon) से है।
वहीं दमोह उपचुनाव (Damoh By-Election) के लिए मतदान 17 अप्रैल को होने वाले है और कुल 22 उम्मीदवार मैदान में हैं। निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर वैभव सिंह भी मैदान में हैं और उनका चुनाव चिन्ह चप्पल है। वैभव चप्पल लेकर मतदाताओं के पास जाते हैं और यही विनती कर रहे हैं कि उनके चुनाव चिन्ह चप्पल पर बटन दबाएं।