Physical Address
304 North Cardinal St.
Dorchester Center, MA 02124
Physical Address
304 North Cardinal St.
Dorchester Center, MA 02124
दमोह। दमोह विधानसभा की सीट कांग्रेस और भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा बन गई हैं। कांग्रेस की कोशिश इस सीट पर अपना कब्ज़ा फिर से बरकरार रखने की है, तो वहीं बीजेपी इसे फिर से इसे वापिस लेना चाहती हैं। कांग्रेस विधायक राहुल सिंह लोधी के इस्तीफे से खाली हुई दमोह विधानसभा सीट (Damoh Assembly Seat) पर 17 अप्रैल को उपचुनाव होने जा रहे हैं। वहीं इस उपचुनाव में अब प्रचार की सरगर्मियां भी और भी तेज हो गई है। आखिरी चरण के इस चुनावी घमासान में बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गज जमकर जोर लगा रहें है।
आखिरी दौर के इस चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने अपने दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने का प्लान बनाया है। कांग्रेस पार्टी से उपचुनाव से अब तक दूर रहे दिग्विजय सिंह और मुकुल वासनिक को उतारने की तैयारी कर ली है, वहीं आखिरी दौर के चुनाव प्रचार में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भी पूरा दम लगा रहे हैं। वहीं अब पार्टी की और से दिग्विजय सिंह भी अपना दम दिखाते हुए नजर आएंगे दिग्विजय 10 अप्रैल को चुनाव प्रचार करेंगे।
वहीं 12 और 13 अप्रैल को प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक उपचुनाव की कमान संभालेंगे, वहीं आखिरी दौर के प्रचार में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ फ़िर से 14 अप्रैल को दमोह में कांग्रेस के पक्ष में प्रचार करेंगे, आपको बता इस उपचुनाव (By-Election) की रणनीति कमलनाथ ने ही बनाई है। बुधवार 7 अप्रैल को वो उन्होंने दमोह में दो जगह सभा की थी। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी के के मिश्रा ने बताया है कि आखिरी दौर के चुनाव प्रचार में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह समेत पार्टी के कई बड़े नेता उतार कर पार्टी के उम्मीदवार अजय टंडन की जीत को सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी।
सिंधिया (Scindia) घराने से जुड़े ग्वालियर के सूत्र बताते हैं कि यह बात सही है कि सिंधिया भाजपा में अपेक्षित महत्व नहीं मिलने से नाराज हैं और अब तो दमोह में चुनाव प्रचार खत्म होने में 9 दिन ही शेष बचे हैं, जब अब तक नहीं पूछा गया, तो क्यों अंतिम समय में जाकर दखल दें. लेकिन इस बारे में सिंधिया के पुराने समर्थक और प्रवक्ता रहे पंकज चतुर्वेदी का कहना है, ‘सिंधियाजी को भाजपा (Bjp) में तरजीह मिलने, न मिलने जैसी कोई बात नहीं है. यह बात सबको समझ लेनी चाहिए कि भाजपा का कल्चर, उसकी रीति-नीति बिल्कुल ही अलग है।
ये भी पढ़े : सीएम शिवराज ने बोला कांग्रेस पर हमला, कहा कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश को लूट लिया!
उसमें जो शामिल होता है, उसे पार्टी के रंग-ढंग को अपनाना होता है. वही सिंधिया भी कर रहे हैं। चतुर्वेदी ने कहा कि जब कभी सिंधिया के बारे में बात होती है तो कांग्रेस में रूतबे से तुलना की जाती है, जबकि भाजपा का कार्य, व्यवहार संस्कृति सब कुछ अलग है, यहां पहले से तय हिसाब-किताब से हर काम होता है. सिंधिया और उनके समर्थकों को कांग्रेस से ज्यादा भाजपा में मिला है, जाहिर है महत्व तो दिया गया है।