मध्य्प्रदेश से फ़िर उठी पृथक बुंदेलखंड राज्य बनाने की मांग, बुंदेलखंड क्रांति दल ने सौंपा ज्ञापन!

bundelkhand state demand news

दमोह। मध्प्रदेश से कई बार बुंदेलखंड को अलग करने की मांग उठी है, बुंदेलखंड क्रांति दल द्वारा सोमवार को प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर दीप्ति त्रिपाठी को सौंप कर पुनः पृथक बुंदेलखंड राज्य निर्माण की मांग की गई है इस दल के राष्ट्रीय सचिव शीतल रजक एवं संभाग अध्यक्ष निर्मल राठौर ने बताया की बुंदेलखंड की जनता परेशान ओर लाचार है। यहां रोजगार के कोई अवसर नहीं हैं।

गरीब जनता पलायन के लिए मजबूर हैं। किसानों के लिए सिंचाई के कोई साधन उपलब्ध नहीं है इन सारी समस्याओं के समाधान के पृथक बुंदेलखंड राज्य ही है। प्रदेश अध्यक्ष अरुण शुक्ला एवं प्रदेश सचिव संदीप पटेल ने कहा कि बुंदेलख्रंड राज्य की मांग नई नहीं है। बुंदेलखंड राज्य हमेशा से पृथक रहा है।


देश की आजादी के बाद भी बुंदेलखंड राज्य रहा है। जिसकी जनसंख्या दो करोड़ है। जनसंख्या के आधार पर बुंदेलखंड देश में 19 वें नंबर का राज्य बनेगा। अभी यहां रहने वाले किसी भी नौजवान, मजदूर, शिक्षित युवा, अशिक्षित युवा के लिये कोई भी रोजगार की संभावनाएं नहीं हैं। जब बुंदेलखंड राज्य पुनः अलग बनेगा तभी राज्य का विकास हो सकेगा। जिलाध्यक्ष विकास सोनी ने भी कहा कि उप्र व मप्र सरकारों की उपेक्षा के कारण ही बुंदेलखंड में गरीबी है। 

नौजवानों को नौकरी नहीं मिल पा रही है। रोजगार के साधन नहीं है, खेती के लिए पानी नहीं है। इन सारी परेशानियों का हल प्रथक राज्य निर्माण में ही संभव हैं।

आपको बता की प्रस्तावित बुंदेलखंड राज्य में उ.प्र. के महोबा, झाँसी, बांदा, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर और चित्रकूट जिले शामिल हैं, जबकि म.प्र. के छतरपुर, सागर, पन्ना, टीकमगढ़, दमोह, विदिशा, दतिया, भिंड, सतना आदि जिले शामिल हैं। इस ज्ञापन सौंपने के दौरान आशुतोष गौतम एवं अन्य लोगों की मौजूदगी रहीं।

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